- एसी, पंखे, लैपटॉप सहित डिपाट्मेंट्स से लाखों का कीमती सामान हो चुका है गायब

- तीन दशक से नहीं कराया गया किसी भी विभाग का फिजिकल वेरीफिकेशन

- रिसर्च प्रोजेक्ट्स पूरा होने के बाद किसी ने नहीं डिपॉजिट किया संबंधित सामान

- हर साल होती है लाखों की परचेजिंग लेकिन किसी का रिकॉर्ड मौजूद नहीं

KANPUR: चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में किस तरह फर्जीवाड़े की खेती की जा रही है ये आपका अखबार पहले ही उजागर कर चुका है। लेकिन आज आई नेक्स्ट आपको बता रहा है कि घोटालों और फर्जीवाड़े का सिलसिला पिछले तीन दशक से चला आ रहा है। जी हां, फ्0 सालों में यूनिवर्सिटी के किसी भी डिपार्टमेंट का फिजिकल वेरीफिकेशन कमेटी की देखरेख में नहीं हुआ है। डिपार्टमेंट में क्या परचेज किया गया, क्या-क्या सामान डिपार्टमेंट में हैं, कौन सा सामान कहां गयाइस सब का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। इन तीन दशकों में एसी, पंखे, लैपटॉप, कीमती मशीनें, उपकरण सहित लाखों का सामान विभागों से गायब हो चुका है। यहीं हीं रिसर्च प्रोजेक्ट्स के लिए खरीदा जाने वाला कीमती सामान भी प्रोजेक्ट के खत्म होते ही गायब हो जाता है। सामान से संबंधित दस्तावेज और रजिस्टर भी गायब कर दिए जाते हैं।

एचओडी ने ड्यूटी नहीं निभाई

यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर में क्ब् डिपार्टमेंट और कॉलेज ऑफ होमसाइंस में भ् शैक्षणिक डिपार्टमेंट हैं। इन डिपार्टमेंट्स के स्टोर का कमेटी द्वारा प्रति वर्ष फिजिकल वेरीफिकेशन किए जाने का नियम है। यह कमेटी या तो डिपार्टमेंट का हेड बनाता है या फिर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इस कमेटी का गठन करता है लेकिन डिपार्टमेंट हेड ने अपनी ड्यूटी नहीं निभाई।

स्टोर में क्या है, क्या नहीं, कोई जानकारी नहीं

यूनिवर्सिटी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फ्0 साल से ज्यादा वक्त गुजर गया है डिपार्टमेंट का फिजिकल वेरीफिकेशन नही कराया गया है। अगर किसी डिपार्टमेंट ने कराया भी है तो वह महज खानापूरी कर ली गई है। वेरीफिकेशन न होने से स्टोर में क्या आया है और क्या गया.इसका कोई भी ब्यौरा नहीं मिल पाएगा। रिसर्च प्रोजेक्ट्स के लिए लाखों की परचेजिंग कर ली गई लेकिन उसकी एंट्री स्टोर में नहीं की गई। बाद में सामान धीरे से गायब कर दिया गया।

जांच हो तो सामने आ जाएंगे नाम

चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कई अहम प्रोजेक्ट पर एक्सपर्ट ने काम किया है। इन प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद नियम के मुताबिक, सारे सामान को डिपार्टमेंट के स्टोर में डिपॉजिट किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अगर पूरे हो चुके प्रोजेक्ट के सामान की जांच कराई जाए तो कई अहम नाम सामने आ जाएंगे जिन्होंने सामान गायब किया या फिर अपने घर में यूज कर रहे हैं।

डिपार्टमेंट का फिजिकल वेरीफिकेशन हुआ है या नहीं, यह मेरी जानकारी में नहीं है। नियम तो यही है कि प्रति वर्ष वेरीफिकेशन कमेटी के द्वारा किया जाता है। प्रोजेक्ट के सामान के बारे में मुझे में भी कोई जानकारी नहीं है। अगर किसी ने ऐसा किया है तो यह गलत है। प्रोजेक्ट के बाद सारा सामान डिपार्टमेंट में जमा किया जाता है।

प्रो। नौशाद खान, मीडिया इंचार्ज सीएसए

Posted By: Inextlive