-आई नेक्स्ट के हाथ लगे पुख्ता सबूतों से हुआ खुलासा, बीओबी में बैंक मैनेजर की मिलीभगत से फर्जी कागजातों पर रेवड़ी की तरह बांटे गए लोन

-तत्कालीन बैंक मैनेजर सस्पेंड, बैंक की विजिलेंस टीम कर रही है एक-एक कागजों की जांच, एफआईआर की तैयारी

-जरूरतमंदों को लोन के लिए सभी बैंकों के मैनेजर कटवाते हैं चक्कर फिर मांगते हैं मोटा कमीशन

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अगर आपके पास पूरे पेपर्स हैं और आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो हो सकता है लोन न मिले। लेकिन अगर आप सेटिंग-गेटिंग जानते हैं और मोटा कमीशन देने को तैयार हैं तो फिर बड़ी आसानी से आपको लोन मिल जाएगा भले ही आपके डॉक्यूमेंट्स फर्जी हों। आई नेक्स्ट के हाथ लगी खुफिया जानकारी की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है। करीब दो-तीन साल पहले बैंक ऑफ बड़ौदा की पनकी शाखा में करीब क्9 फर्मो को बिना कागजात की तहकीकात किए कई करोड़ रुपए का लोन दे दिया गया जबकि उन फर्म का हकीकत में कोई अस्तित्व ही नहीं था। खुलासे के बाद पूरा बैंक प्रशासन सकते हैं। बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए जा चुके हैं। ये तो सिर्फ बानगी भर है। सिटी के कई बैंकों में करीब क्00 करोड़ रुपए के ऐसे लोन में फर्जीवाड़ा किया गया है।

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मैंने कानपुर विद्या मंदिर से बीए किया है। इसके बाद कई प्रोफेशनल कोर्स किए। लेकिन फिर भी मेरी जॉब नहीं लगी तो मैंने ठान लिया कि इंटरप्रेन्योर बनूंगी। काफी रिसर्च के बाद मैंने तय किया कि पापड़ बनाने का लघु उद्योग शुरू करूंगी। चूंकि टीवी और अखबारों में विभिन्न बैंकों के आने वाले विज्ञापन में दिखाया जाता था कि युवाओं को बिजनेस के लिए बड़ी आसानी से लोन मिल जाता है। मै स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पहुंची। मैंने बैंक के मैनेजर से मिलकर अपने उद्योग के बारे में पूरी जानकारी की। उन्होंने मुझे बैंक के लोन अधिकारी के पास भेज दिया। उन्होंने मुझे कई बार दौड़ाया फिर जब मैंने थक हारकर बैंक जाना बंद कर दिया तो एक दिन मेरे पास फोन आया उन्होंने कहा कि आपका प्रोजेक्ट कितने का है। मैंने सीए से रिपोर्ट बनवाई फिर उनको बताया कि प्रोजेक्ट करीब भ् लाख रुपए का है। उन्होंने मुझको कहा कि 7भ् हजार रुपए लेकर आइए एक हफ्ते में आपको लोन मिल जाएगा। मैंने उनसे कहा कि 7भ् हजार किस लिए तो उन्होंने कहा कि इसके बिना लोन नहीं हो पाएगा। फिर मैंने तय किया कि मैं इंटरप्रेन्योर नहीं बनूंगी।

रंजना पाठक

वर्जन

दस परसेंट दिए बिना बैंक से लोन होता ही नहीं है। ऐसे में फर्जीवाड़ा तो होना ही है।

हयात जफर हासमी

बैंक से लोन लेने के लिए क्भ् परसेंट कमीशन देना पड़ता है। फिर लोन पास होता है।

मुहीद अहमद खान

बिना कमीशन के बैंक में कोई काम नहीं हो सकता है। ये तो सभी जानते हैं।

प्रदीप गुप्ता

पहले लंबी-चौड़ी फार्मेलिटीज पूरी करो फिर बैंक के मैनेजर को कमीशन दो फिर लोन पास होता है।

रोहित गुप्ता

जिस देश में बैंक एकाउंट खोलने के लिए परेशान होना पड़ता हो वहां बिना कमीशन के लोन कैसे मिलेगा?

विवेक चोपड़ा

बैंक से लोन के लिए काफी लंबी-चौड़ी फॉर्मेलिटीज को फॉलो करना पड़ता है। लोन देने के ज्यादातर मामलों में बैंक मैनेजर की जिम्मेदारी होती है। जहां तक पनकी ब्रांच में दिए गए लोन में फर्जीवाड़े की बात है तो इसकी जांच बैंक की विजिलेंस टीम कर रही है। तत्कालीन बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए जा चुके हैं। बैंक ऐसे मामलों में बहुत सख्त है।

एनके पवार, डीजीएम, बैंक ऑफ बड़ौदा

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क्9 में से म् फ‌र्म्स के नाम आई नेक्स्ट के पास हैं

क्। हाईवे चिकन-प्रो। राजन टी वालिया-ख्क् लाख

ख्। बीटी कॉर्पोरेशन

फ्। पीएमएस बूस्ट-ख्भ् लाख

ब्। खन्ना ड्रेसेज-ख्भ् लाख

भ्। हाई एटीट्यूड-ख्क्.भ्0 लाख

म्। सुपर ट्रेडिंग-ख्भ् लाख

नोट-इसके अलावा क्फ् फर्मे और हैं जिनको की करोड़ों रुपए का लोन फर्जी तरीके से दिया गया है।

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तो फिर तुरंत करें शिकायत

आई नेक्स्ट आपको बताने जा रहा है कि अगर आपने हाउसिंग लोन, कार लोन, पर्सनल लोन या फिर और किसी तरह के लोन के अप्लाई किया है और आपका लोन नहीं हो रहा है तो आप तुरंत उस बैंक के रीजनल ऑफिस स्थित विजिलेंस ऑफिसर्स ने कॉन्टैक्ट करके अपनी प्रॉब्लम बताएं। या फिर रीजनल ऑफिस में डीजीएम या फिर जीएम से शिकायत करें।

कौन सा लोन कितने दिनों में

कार लोन- करीब ख् से फ् दिनों में

हाउसिंग लोन-एक हफ्ते में

पर्सनल लोन-फ् से भ् दिनों के अंदर

नोट-इन दिनों में लोन तभी पास हो सकता है जबकि आपके सारे कागजात पूरे हों।

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पूरे देश की बैंकों का करीब ब् लाख 9भ् हजार करोड़ रुपए बट्टे खाते में पड़ा है। ये वो लोन है जिसको की फर्मो ने या फिर व्यक्ति ने चुकाया नहीं है। इस वजह से बैंकों को नुकसान हो रहा है और कर्मचारियों को जो फायदा मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है। हमारी मांग है कि इस पैसे को वसूल किया जाए। इसके लिए हम लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

सुधीर सोनकर, मंत्री, यूपी बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन

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क्0 से लेकर ख्भ् लाख तक

करीब दो से तीन साल पहले सीजीटीएमएसई योजना के तहत बिना गारंटी के बिजनेस के लिए लोन देने की स्कीम आई थी। इस योजना के तहत बैंक के मैनेजर एक करोड़ रुपए तक का लोन पास कर सकते थे। इस योजना के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा की पनकी शाखा में कई लोगों ने अप्लाई किया। वर्तमान में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शाखा में कार्यरत अधिकारी ने नाम न छापने की रिक्वेस्ट पर बताया कि तत्कालीन पनकी ब्रांच के मैनेजर एके बग्गा ने कई लोगों को फर्जी कागजात पर क्0 लाख रुपए से लेकर ख्भ् लाख रुपए तक के लोन स्वीकृत कर दिए। कई ऐसी फर्मो को लोन दिया गया जिनका की अस्तित्व ही नहीं था।

मामला विजिलेंस टीम के पास

लोन लेने के बाद जब बैंक के पास मासिक किश्त नहीं पहुंची तो फिर अधिकारियों ने मामले की जांच की जब उसमें मैनेजर की मिलीभगत से फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। तब सीनियर अधिकारियों ने बैंक की विजिलेंस टीम को पूरा मामला सुपुर्द कर दिया जिसके बाद विजिलेंस टीम ने मामले की छानबीन शुरू की, फिर किया था पूरा गोलमाल सामने आ गया। बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जांच में पाया गया कि लोन को फर्जी तरीके से पास किया गया ह और वो फर्म जब हैं ही नहीं तो किस्त कहां से आए। जिसके बाद हर किसी के होश उड़ गए। करीब क्9 फर्मो को फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए का लोन दे दिया गया था। बैंक के अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन मैनेजर के खिलाफ एफआईआर की तैयारी बैंक प्रशासन कर रहा है। सूत्रों की मानें तो मामला इतना गंभीर पाया गया है कि वो मैनेजर डिसमिस भी हो सकते हैं।

हर बैंक में घपला

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सिटी और आसपास के एरियाज में करीब ख्8 बैंकों की सैकड़ों शाखाएं हैं। यहां हर साल करीब क्00 करोड़ रुपए का लोन मैनेजर की मिलीभगत से पास किया जाता है जिसको की वसूलना बैंक के लिए टेढ़ी खीर होती है। ऐसे में ज्यादातर मामलों में बैंक को नुकसान उठाना पड़ता है। जिसको लेकर कर्मचारी यूनियन के नेता समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं।

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इंटरव्यू पास करने के बाद कमीशन के चक्कर में लोन पास नहीं हुआ

मैंने लघु उद्योग लगाने के लिए खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में अपना प्रोजेक्ट पेश किया। प्रोजेक्ट पेश करने के बाद मेरा इंटरव्यू हुआ। तीन अधिकारियों के बोर्ड ने मेरा इंटरव्यू लिया फिर मेरा प्रोजेक्ट पास हुआ। प्रोजेक्ट पास होने के बाद मेरी फाइल इलाहाबाद बैंक पहुंची। फाइल पहुंचते ही मैं बैंक के मैनेजर से मिला। उन्होंने कई बार मुझको बुलाया लेकिन कभी पूरी बात नहीं बताई। कई बार जब मैं चक्कर लगाकर थक गया तो उन्होंने मुझसे ख्भ् प्रतिशत कमीशन की बात कही। जब मैंने उनसे कहा कि ख्भ् लाख का प्रोजेक्ट है अगर आपको छह लाख रुपए दे दूंगा तो फिर कैसे मेरा प्रोजेक्ट फायदे में रहेगा। मुझको तो घाटा हो जाएगा। सबकुछ बताने के बाद भी मैनेजर ने मेरी बात नहीं मानी। जब मैंने कमीशन देने से मना कर दिया तो उन्होंने कई बार मुझको टहलाया और फिर मेरी फाइल ये कहकर वापस कर दी कि इस लोन में कोई गारंटी नहीं है। इस तरह के लोन मैं नहीं करता है। आज तक फाइल मेरे पास रखी है।

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कई बार दौड़ाने के बाद मांगे पैसे

Posted By: Inextlive