- रेलवे ट्रैक किनारे बने झोपड़े अपराधियों का गढ़

- झोपड़ों के हटा देने से ट्रेनों में होने वाली वारदातों में कसा जा सकता शिकंजा

- गंगापुल से गोविंदपुरी तक रेलवे की जमीन में काबिज दौ से अधिक अवैध झोपड़े

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KANPUR। स्टेशनों के आउटर में होने वाली घटनाओं पर शिकंजा कसने के लिए रेलवे बोर्ड को यहां भी दिल्ली जैसा अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाना होगा। गौरतलब है कि रेलवे ट्रैक किनारे गंगापुल से गोविंदपुरी तक रेलवे की जमीन पर सैकड़ों झुग्गी झोपडि़यां हैं। जिसमें कुछ शातिर अपराधियों ने अपने अड्डे भी बना रखे हैं। जहां घटना को अंजाम देने से पहले प्लानिंग की जाती है। जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडेय के मुताबिक ट्रेनों में लूट, चोरी व अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले लगभग दो दर्जन से अधिक शातिर लुटेरे रेलवे ट्रैक किनारे झोपड़ों में रहते हैं। जिसमें वर्तमान में एक दर्जन से अधिक अपराधी जीआरपी से जेल भेजे जा चुके हैं।

महिलाएं भी अपराध में शामिल

जीआरपी सूत्रों की माने तो गोविंद नगर व झकरकटी पुल के पास रेलवे ट्रैक किनारे बने झोपड़ों में रहने वाले कुछ अपराधियों के घरों की महिलाएं भी अपराध की इस दुनिया में शामिल हैं। जो आउटर व ट्रेनों में घटनाओं को अंजाम देती हैं।

झोपड़े से बरामद लूट का माल

हाल ही में जीआरपी ने गोविंदनगर कच्ची बस्ती रेलवे ट्रैक किनारे रहने वाले शातिर अपराधी विनय के घर में दबिश देकर लगभग सात लाख का माल बरामद किया था। जो अपराधी द्वारा विभिन्न ट्रेनों में यात्रियों से लूटा गया था। जीआरपी अभी भी शातिर विनय के साथी सागर की तलाश कर रही है।

चरस व गांजे की भी होती बिक्री

जीआरपी सूत्रों की माने तो झकरकटी पुल के पास सीपीसी गोदाम में अवैध झोपड़ा बना कर रह रही एक शातिर महिला अपराधियों को सह देती है। साथ ही वह चरस व गांजे की बिक्री भी करती है। खास बात यह है कि यह महिला आरपीएफ व जिले की पुलिस के बीच चलने वाले सीमा विवाद की वजह से बरी हुई है।

ट्रैक किनारे 200 से अधिक झोपड़े

जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडेय की माने तो गंगापुल, शांतिनगर, झकरकटी पुल व गोविंदपुरी स्टेशन के आउटर क्षेत्र में दो सौ से अधिक झोपड़े रेलवे की जमीन में अवैध तरीके से सालों से बने हुए हैं। इन झुग्गी झोपड़ी की आड़ में कुछ शातिर अपराधी भी अपना आशियाना बनाकर पुलिस की नजर से बचे हुए हैं।

लूट के बाद झाडि़यों में हो जाते गायब

जीआरपी की माने तो ट्रेनों में आउटर एरिया में मोबाइल, चेन, बुंदे लूटने वाले अपराधी ट्रैक किनारे बने झोपड़ों में ही रहते हैं। जो लूट करने के बाद ट्रैक किनारे खड़ी झाडि़यों का सहारा लेकर झोपड़ पट्टी में छुप जाते हैं। इसके चलते ही यह शातिर लुटेरे जीआरपी के हाथों से बच निकलने में सफल होते हैं।

अवैध वेंडरिंग से होते हैं ट्रेंड

रेलवे ट्रैक किनारे बने अवैध झोपड़ों में रहने वाले शातिर अपराधी पहले आउटर एरिया में ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग करते हैं। ट्रेनों में चढ़ने-उतरने की कला में पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद जरायम की दुनिया में कदम रख कर वहां के सक्रिय गैंग की शरण ले लेते हैं।

यात्रियों को पीट लूटते हैं माल

झकरकटी, गोविंद पुरी स्टेशन के आउटर पर दर्जनों ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें ट्रेन से आउटर में उतरने वाले यात्रियों को रात में अपराधी गैंग के लोग बुरी तरह पीटने के बाद पूरा सामान लूट लेते हैं। लगभग दो वर्ष पूर्व झकरकटी पुल के पास लूट की घटना का विरोध करने पर एक यात्री को लुटेरों ने गोली भी मार दी थी।

रेलवे की जमीन पर कब्जा करने के कई मामले सामने आए हैं। बहुत जल्द रेलवे की जमीन को खाली कराने के लिए जीआरपी और आरपीएफ संयुक्त अभियान चलाएगा। यहां रहने वालों के अपराधों में लिप्त होने की जानकारी भी मिली है। इस पर कार्रवाई करने के लिए टीमें बनाई जाएंगी।

-शकील खान, असिस्टेंट सिक्योरिटी ऑफिसर, आरपीएफ

Posted By: Inextlive