- कमिश्नर ने जांच के लिए बनाई कमेटी, जांच के बाद भी जारी होगा बजट

- सितंबर 2017 में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को करनी थी हैंडओवर

आगरा। तीन साल हो गए हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की लैब तैयार नहीं हुई है। कार्यदायी संस्था को सितंबर 2017 में हैंडओवर करनी थी, लेकिन हालात ये हैं कि अभी लैब का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इसके चलते आगामी दिवाली से पहले नमूने की जांच के लिए इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि निर्माण की स्पीड स्लो देखते हुए कमिश्नर ने जांच बिठाई है और जांच कमेटी को क्वालिटी चेक कर जल्द रिपोर्ट देने की बात कही है।

शासन भेजी जाएगी जांच

एफएसडीए लैब की गुणवत्ता जांच के लिए कमिश्नर के। राममोहन राव ने कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी लैब की गुणवत्ता की जांच करेगी। इस रिपोर्ट को कमिश्नर द्वारा शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद लैब के लिए बजट धनराशि जारी की जाएगी। कमिश्नर ने जांच और कमेटी का गठन लैब की क्वालिटी चेक करने के बाद ही किया है। जांच कमेटी में अपर आयुक्त, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दो डिप्टी कमिश्नर शामिल हैं।

दो साल हो गए निरीक्षण किए

लैब निर्माण के दौरान गुणवत्ता में खामियां मिलीं थीं। 23 नवंबर 2015 को तत्कालीन जिला अभिहित अधिकारी रामनरेश यादव ने बमरौली कटारा में स्थित निर्माणाधीन फूड टेस्टिंग लैब का स्थलीय परीक्षण किया। उस दौरान घटिया सामग्री मौके पर मिली थी। 19 कॉलम की नींव पाई गई थी। सैंड भी मानक के अनुरूप नहीं थी। लिहाजा आला अधिकारी ने लैब की निर्माणदायी संस्था (यूपी कन्स्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) के ठेकेदार को घटिया सामग्री यूज न करने की हिदायत दी थी। चेकिंग की रिपोर्ट कमिश्नर को भी भेजी थी।

Posted By: Inextlive