पूरे देश में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को मिली हरी झंडी, मार्च 2015 से होगा लागू
मार्च 2015 से होगा लागू
अगर आपका एक शहर से दूसरे शहर में ट्रांसफर हो रहा है और आप मोबाइल नंबर न बदलने को लेकर चिंतित हैं, तो अब आप इस चिंता से मुक्त हो जाइये. पूरे देश के स्तर पर मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी (एमएनपी) लागू होने का रास्ता साफ हो गया है. दूरसंचार आयोग ने बुधवार को इस बारे में एक अहम प्रस्ताव को पारित कर दिया. इससे मोबाइल ग्राहक एक दूरसंचार सर्किल से दूसरे में जाने और दूसरी मोबाइल कंपनी की सेवा लेने के बावजूद अपने पुराने मोबाइल नंबर को बनाए रख सकेंगे. फिलहाल यह एमएनपी सेवा सिर्फ ग्राहक के अपने सर्किल तक ही सीमित है. माना जा रहा है कि दूरसंचार विभाग (डॉट) मार्च, 2015 से इसे लागू करने का निर्देश दे सकता है.
काफी समय से टल रहा था फैसला
आपको बता दें कि यह फैसला यूपीए सरकार के कार्यकाल के समय से ही लंबित था. माना जाता है कि दूरसंचार कंपनियों के दबाव में तब इस फैसले को काफी लंबे समय तक टाला गया. इस तरह से एनडीए सरकार ने यूपीए के कार्यकाल से लंबित एक फैसले को लागू कर दिया है. बताते चलें कि टेलिकॉम रेगुलेटिरी अथॉर्रिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) इसे पिछले वर्ष से ही लागू करना चाह रहा था. बहरहाल, इस फैसले के बाद मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के बीच ग्राहकों को बनाए रखने का दबाव और बढ़ेगा. दूरसंचार आयोग की मंजूरी के बाद अब यह प्रस्ताव दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास भेजा जाएगा. सूत्रों का कहना है कि प्रसाद खुद इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहते हैं. अभी तक एक ही सर्किल के भीतर लागू एमएनपी का फायदा उठाने के लिए 13 करोड़ ग्राहक आवेदन कर चुके हैं.