बीआरडी के मेल सर्जरी वार्ड का मामला

-मरीज के साथ आए तीमारदारों ने जूनियर डॉक्टर को पीटा, डॉक्टर्स ने तीन बेटों को कमरे में किया बंद

- सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के बेटों को डॉक्टर्स के चंगुल से कराया मुक्त

GORAKHPUR:

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेल सर्जरी वार्ड में भर्ती मरीज की मौत पर रविवार की शाम जमकर हंगामा हुआ। पहले तो मरीज के बेटों ने एक जूनियर डॉक्टर को पीट दिया। फिर सूचना पाकर एकजुट हुए डॉक्टरों ने उन्हें कमरे में बंद करके पीटा। इस दौरान आक्रोशित डॉक्टरों ने मेन गेट और ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी का प्रवेश द्वार बंद कर दिया था। सूचना पर पहुंची पुलिस डॉक्टर से उलझने वाले मृतक के तीनों बेटों को डॉक्टरों से छुड़ाकर अपने साथ ले गई।

पिता को पिटने की बात को लेकर आक्रोशित हुए बेटे

महराजगंज के थाना ठूठीबारी के गांव बरगदवा निवासी झीनक पटवा (50) लीवर की गांठ के ऑपरेशन के लिए 10 मई को बीआरडी में भर्ती हुए। 11 मई को ऑपरेशन के बाद उन्हें पुरुष सर्जरी वार्ड के बेड नम्बर पांच पर भर्ती किया गया था। रविवार शाम सात बजे उनकी मौत हो गई। मृतक के बड़े बेटे गोलू को उसके छोटे भाइयों ने शनिवार को इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा पिता की पिटाई की सूचना दी थी। पिता की मौत के बाद वह इस बात को लेकर आक्रोशित हो उठा। वह वार्ड में मौजूद जूनियर डॉक्टर से उलझा और उसे पीटने लगा.उसके छोटे भाई राहुल और मोनू भी उसके साथ डॉक्टर को पीटने लगे.इसकी सूचना अन्य डॉक्टरों को लगी तो वह भी भड़क गए। डॉक्टर एकजुट हो गए और इमरजेंसी का प्रवेश द्वार समेत कॉलेज का मेन गेट बंद कर दिया.डॉक्टर तीनों भाइयों को एक कमरे में ले गए। कमरा बंद करके उन्हें जमकर पीटा। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। मेन गेट खुलवाया। पुलिस तीनों युवकों को डॉक्टरों से मुक्त कराने के बाद अपने साथ ले गई। इस बीच मृतक के अन्य परिजन वार्ड में रोते चिल्लाते रहे।

वर्जन

कमरे में मृतक के बेटों को बंद करने की बात झूठी है। सूचना के तत्काल बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। इस बीच डॉक्टर्स की संख्या काफी अधिक थी। इसलिए मृतक के बेटों को बेड के नीचे सेफ किया गया था कि उनके साथ कुछ ना हो। हालांकि अभी तक परिजनों की ओर से तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गोपाल त्रिपाठी, इंस्पेक्टर गुलरिहा

Posted By: Inextlive