सावन के आखिरी सोमवार को यमुना बैंक रोड पर गहरेबाजी का शानदार प्रदर्शन

गहरेबाजों की रफ्तार और जुनून ने दर्शकों को किया रोमांचित

ALLAHABAD: प्रयाग में सावन माह का विशेष महत्व है। पूरे माह में प्रयाग के मंदिरों और शिवालयों में कई अनुष्ठान व विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस माह के प्रत्येक सोमवार को सालों से आयोजित होने वाली रफ्तार और जुनून की परम्परा गहरेबाजी आज भी उसी जोश के साथ आयोजित की जाती है। सावन के आखिर सोमवार को भी ऐसा ही नजारा यमुना बैंक रोड पर देखने को मिला। जहां गहरेबाजों ने रफ्तार और जुनून से ऐसा माहौल बनाया कि उसे देखने वाले खुद को रोमांचित होने से रोक ना सके। शाम को आयोजित हुए गहरेबाजी को देखने के लिए सिटी के साथ ही आस पास के एरिया से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

सधी रफ्तार का रोमांच

सावन में प्रयाग में होने वाली गहरेबाजी की परम्परा महाराज हर्षवर्धन के समय से चल रही है। समय के साथ ट्रैफिक को देखते हुए इसके स्थान में परिवर्तन होता रहा है। लेकिन परम्परा और उसको जीवित करने वालों का उत्साह आज भी जिंदा है। प्रयाग गहरेबाजी संघ के संयोजक व अध्यक्ष राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस बार भी पूरे जोश के साथ इसका आयोजन किया गया। आखिरी सोमवार को भी यमुना बैंक रोड पर परम्परागत तरीके से गहरेबाजी का आयोजन किया गया। इस दौरान गहरेबाजी में शामिल होने वाले सभी पार्टिसिपेंट्स को संघ की ओर से सम्मानित किया गया। आखिरी सोमवार होने के कारण गहरेबाजी के आयोजन में शहर के विभिन्न एरिया से गहरेबाज पहुंचे। इसमें प्रमुख रूप से गुड्डू म्योराबाद का घोड़ा अबलक, लाल जी यादव का घोड़ा भूकंप, सादिक सिविल लाइंस का घोड़ा, मुरारी महाराज का घोड़ा, डॉ। आजाद नैनी मेवा लाल की बगिया का घोड़ा, काकू पंजाबी व लखन चौरसिया के घोड़े शामिल थे। इस अवसर पर गहरेबाजों का वेलकम करने के लिए पुलिस लाइंस के दो घुड़सवार जवान भी मौजूद रहे। बड़ी संख्या में लोगों ने गहरेबाजी का लुत्फ उठाया। अरैल रोड पर भी गहरेबाजी का आयोजन किया गया। जिसमें बदरे आलम के घोड़े समेत अन्य गहरेबाजों के घोड़े शामिल हुए।

शिवालयों में उमड़े लोग

सावन के आखिरी सोमवार को शहर के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने प्राचीन मंदिरों मनकामेश्वर मंदिर, नागवासुकी मंदिर, पडि़ला महादेव मंदिर, सिविल लाइंस हनुमान मंदिरों में पहुंचकर भगवान शिव का दूध व जल से अभिषेक किया। आखिरी सोमवार को कई मंदिरों में रूद्राभिषेक, भंडारा का आयोजन किया गया। इस दौरान शाम को मंदिरों में भगवान शिव का भव्य श्रृंगार किया गया। जहां देर रात तक भक्तों की भीड़ भगवान के दर्शन को उमड़ती रही।

Posted By: Inextlive