भारत के विश्वनाथन आनंद और नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के बीच चल रहे विश्व शतरंज चैंपियनशिप के मैच के दौरान दूसरी बाज़ी भी ड्रॉ रही.


रविवार को चेन्नई में खेले गए मैच में सिर्फ़ 25 चालें ही चली गईं, जिनमें दोहराव देखने को मिला.मौजूदा चैंपियन आनंद ने बाज़ी की शुरुआत राजा के सामने वाले प्यादे को चौथे खाने पर रखने से की और जवाब में कार्लसन ने कारो-कैन चाल के साथ बचाव किया.इसे थोड़ा अचरज भरा माना जा रहा है क्योंकि कार्लसन कारो-कैन चाल विरले ही चलते हैं. पिछली बार उन्होंने इसका इस्तेमाल 2011 में किया था.हालांकि आनंद को इसका ताज़ा अनुभव है क्योंकि वह ग्रैंडमास्टर डिंग लिरेन के ख़िलाफ़ मैच जीते थे, लेकिन 14वीं चाल में उन्होंने राह बदली और 14.0-0.0 के साथ तेज़ हमला किया.मज़बूत दावेदार


दोनों ने एक दूसरे का एक-एक घोड़ा लिया और फिर कार्लसन ने अपने वज़ीर को डी5 पर रखकर एक और प्रस्ताव रखा. कमेंटेटर्स और दर्शकों को आश्चर्यचकित करते हुए कार्लसन 18.क्यूजी4 पर आगे बढ़कर दबाव डालने के बजाय इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.नतीजा ये हुआ कि दोनों के बराबर मोहरे बचे थे.आनंद ने अपने हाथियों को राजा के साथ रखकर विपक्षी की पैदल सेना पर निगरानी बनाए रखी और इसके चलते चालों का दोहराव हुआ.

इससे पहले शनिवार को आनंद और कार्लसन के बीच पहली बाजी भी ड्रॉ रही थी. खेल के दौरान सिर्फ़ 16 चालें ही चली गई थीं.विश्व चैंपियनशिप 12 बाज़ियों तक चलेगी. विजेता को इसमें क़रीब 14 करोड़ रुपए की इनामी राशि दी जाएगी.43 साल के आनंद सातवीं बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप के मुक़ाबले में हिस्सा ले रहे हैं और उन्होंने 2007 से अब तक पांच बार ख़िताबी जीत हासिल की है.कार्लसन पहली बार विश्व मुक़ाबले में उतरे हैं लेकिन उन्हें ख़िताब का मज़बूत दावेदार माना जा रहा है. वह 22 साल की उम्र में ही दुनिया के ऐसे ख़िलाड़ी बन चुके हैं जिन्होंने शतरंज में सबसे ज़्यादा अंक हासिल किए हैं.

Posted By: Subhesh Sharma