- ब्रांडेड कंपनियों के फूड प्रोडक्टस पर एमआरपी को थिनर के जरिए मिटा कर ग्राहकों से वसूले जा रहे मनमाने दाम

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में खुलासा

shyamchandra.singh@inext.co.in

LUCKNOW :

चारबाग रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के बाहर लगने वाली दुकानों से नामी गिरामी कंपनियों के पैक्ड फूड आइटम की एमआरपी में 'खेल' कर उन्हें ऊंची कीमतों पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं फूड आइटम की पैकिंग पर थिनर के जरिये प्रिंट मैन्युफैक्चरिंग डेट भी मिटाकर खराब माल बेचा जा रहा है। यह खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट खास पड़ताल में हुआ है। वहीं प्रशसान आंखें मूंदे बैठा है।

थिनर से मिटाते पैकिंग की डिटेल

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने जब चारबाग रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के बाहर लगने वाली दुकानों पर जाकर पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। वहां धड़ल्ले से पैक्ड फूड आइटम्स पर प्रिंट रेट और अन्य जरूरी जानकारी मिटाते हुए एक युवक कैमरे में कैद हो गया। पता चला कि वह पेंटिंग में यूज होने वाले केमिकल थिनर से फूड प्रॉडक्ट के रैपर से जरूरी जानकारी हटा रहा था। जब आगे पड़ताल की गई तो पता चला कि यहां से ब्रिकी होने वाले ज्यादातर फूड प्रोडक्ट एमआरपी से अधिक दामों पर बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं एक्पायर्ड फूड आइटम्स भी बेचकर लोगों की जान को खतरे में डाला जा रहा है।

रेट का खेल

आइटम एमआरपी ब्रिकी रेट

ब्रिटानिया केक 30 40 से 45

कुरकुरे 10 15

अमूल छाछ 11 15

ब्रिटानिया बॉरबॉन बिस्किट 10 12 से 15

30 का केक 40 से 45 रुपए में

रेलवे स्टेशन के बाहर चल रहीं इन फुटकर दुकानों में ब्रिटानिया का केक 40 से 45 रुपए में बेचा जा रहा हैं। जबकि केक की पैकिंग पर एमआरपी 30 रुपए ही दर्ज है। इन केक को बेचने के लिए इन पर लिखी कंपनी के एमआरपी के रेट को मिटा दिया जाता है। इसके बाद ग्राहकों को अपने मन मुताबिक रेट पर बेचा जा रहा हैं। वहीं कुछ दुकानदार ऐसे भी हैं जो चिप्स और बिस्कुट के पैकेट को भी ऊंचे रेट पर बेच रहे हैं। मसलन कुरकुरे का दस रुपए का पैकेट यहां पर 15 रुपए, अमूल छाछ का एक पैकेट जिसकी एमआरपी 11 रुपए है यहां उसके लिए 15 रुपए वसूले जा रहे हैं। वहीं ब्रिटानिया को बॉरबॉन बिस्किट का पैकेट बाजार में दस रुपए का मिलता है, जो यहां पर 12 से 15 रुपए में यात्रियों को बेचे जा रहे हैं। इसी तरह दूसरी कई चीजों के रेट को अपने हिसाब से बेच रहे हैं।

रेलवे के लिए आए प्रोडक्ट भी बेचे जा रहे

चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर लगे इन फुटकर दुकानों में खासतौर पर रेलवे के लिए भेजे गए प्रोडक्ट जैसे चिप्स, केक और बिस्कुट जिस पर रेलवे के ब्रिकी के लिए प्रिंट हैं। वह आसानी से बाहर लगी इन दुकानों पर बिक रहे हैं। रेलवे के लिए कंपनियों के ओर से अपने प्रोडक्ट पर अलग से एमआरपी पि्रंट करता है। ताकि उनकी पहचान हो सके की वह प्रोडक्ट कहां बेचा जाना हैं। पर यह प्रोडक्ट रेलवे के अंदर न बेचे जाकर बाहर रोड पर लगी दुकानों में सप्लाई हो रहे हैं।

जल्दबाजी का उठाते हैं फायदा

अमूमन देखा जाता है कि रेलवे स्टेशन या फिर बस स्टैंड पर पैसेंजर्स अपने गन्तव्य के लिए काफी जल्दी में रहते हैं। जिसका फायदा वहां पर मौजूद दुकानदार खूब उठाते हैं। जल्दबाजी के चलते लोग पैकेट पर प्रिंट जरूरी जानकारी नहीं चेक करते। वहीं जब कोई बोलता है कि इस पर रेट नहीं तो उसको बताया जाता है यह यहां की सभी दुकानों पर इस रेट पर ही बिक रहा है।

क्या बरतें सावधानी

जब भी आप किसी दुकान से कोई सामान खरीदे तो उस पर पि्रंट एमआरपी और जरूरी डिटेल जरूर चेक करें। इसके साथ ही उसकी मैन्युफैक्चिरिंग डिटेल भी जरूर देखें कि वह कितनी पुरानी है, वह खाने योग्य है कि नहीं। पैकेट पर यह डिटेल न मिले तो उस आइटम को कई न खरीदें।

यह पूरा मामला ग्राहक से ठगी से जुड़ा हुआ हैं। यह सीधा-सीधा उनके साथ धोखाधड़ी हैं। इस पूरे मामले की तत्काल जांच कर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए जाएंगे।

- कौशल राज शर्मा, डीएम, लखनऊ

Posted By: Inextlive