हर जगह छोड़ी अपनी छाप
किंग ऑफ ड्रिबलिंग की उपाधी मो। शाहिद को ऐसे ही नहीं मिली थी। हॉकी स्टीक के साथ दुनिया के कोने-कोने में अपने खेल की अलग छाप छोड़ी
- वर्ष 1979 में पेरिस हुए जुनियर वर्ल्ड कप में इंडियन टीम को रिप्रजेंट किया। - वर्ष 1979-80 में मलेशिया में हुए अजलान साह हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम का हिस्सा रहे और दुनिया के बेस्ट फावर्ड का खिताब मिला। - 1980 में मास्को में हुए ओलंपिंक गेम्स में इंडियन टीम को मिला गोल्ड। -1981 पाकिस्तान में हुए चैंपियंस ट्रॉफी में इंडियन टीम का हिस्सा रहे। -1982 में भारत में हुए एशियन गेम्स में इंडियन टीम का हिस्सा रहे। टीम ने जीता था सिल्वर मेडल। -पाकिस्तान में 1983 में हुए चैंपियंस ट्रॉफी में टीम का हिस्सा रहे - 1983 में आस्ट्रेलिया में इसांडा वर्ल्ड हॉकी टूर्नामेंट में इंडिया टीम का हिस्सा।-1984 में अमेरिका में ओलंपिक गेम्स में इंडिया टीम का रहे हिस्सा।
- 1985 में हॉलैंड में चैपियंस ट्रॉफी में इंडिया टीम के सदस्य रहे -1986 में कोरिया में एशियन गेम्स में भारतीय टीम के खिलाड़ी के रूप में खेला। टीम ने जीता ब्रान्ज मेडल। -1986 में मो। शाहिद ने थामी इंडिया टीम की कमान-1986 में लंदन में हुए वर्ल्ड कप हॉकी में इंडिया टीम के कैप्टन रहे।
- 1988 में पाकिस्तान में एशियन हॉकी 11 में भारतीय टीम की संभाली कमान। - 1988 में कोरिया में हुए ओलम्पिक में इंडियन हॉकी टीम का रहे हिस्सा।