RANCHI :बीत चार दिनों से आईनेक्स्ट लगातार आपको शहर में सप्लाई किये जाने वाले पानी की सच्चाई व फिल्टर प्लांट के लूप होल्स से रूबरू करा रहा है। अभी तक के क्रम में गोंदा डैम, बूटी जलागार, रुक्का और हटिया डैम फिल्टर प्लांट से अवगत कराने का प्रयास किया है। सभी फिल्टर प्लांट में एक ही परमानेंट बीमारी है। यहां फिल्टरेशन के बाद पानी स्टोर करने के लिए बने बेड्स कई सालों से साफ ही नहीं किए गए हैं। और इन्हीं बेड का गंदा पानी शहर के लोगों को सप्लाई कर दिया जाता है। वहीं नगर निगम भी अलग जख्म दे रहा है। इसी गंदे पानी के एवज में वह लोगों से हजारों रुपए बिल वसूल रहा है। कांके, बरियातु में इसके कोई लोग साक्षी हैं, उन्हें पानी का 30 से 40 हजार रुपए तक का बिल भेजा गया है। अब ये परेशान हैं कि एक बार में इतना बिल कैसे चुकायेंगे?

विश्वनाथ को 39 हजार का बिल

कांके रोड के रहने वाले विश्वनाथ साहू को नगर निगम ने 39720 रुपए का बिल भेजा है। बिलन देखने के बाद से ही विश्वनाथ और उनका परिवार परेशान है। विश्वनाथ ने बताया कि घर में सप्लाई का कनेक्शन तो लिये है लेकिन पानी को उतना इस्तेमाल नहीं होता है जितना हमे बिल भेज दिया गया है। कहां से इतनी बड़ी राशी चुकायेंगे। निगम की गलती का खामियाजा हमे भुगतना पड रहा है। यदि नगर निगम हर महीने बिल भेज देता जो एक बार में बोझ नहीं बढ़ता।

कैसे इतना रकम चुकाएंगे?

वहीं कांके के ही रहने वाले तपन घोष को 43,020 रुपए का बिल भेजा गया है। इन्होंने बताया कि बदबूदार और गंदे पानी के एवज में नगर निगम ने इतना अधिक बिल भेजा है। सप्लाई का पानी सिर्फ गंदा ही नहीं बल्कि उसमें कीड़े भी निकल रहे हैं। निगम का प्रतिनिधि हर सप्ताह आकर रुपए की मांग करता है। इतनी बड़ी रकम एक बार में कैसे दे पायेंगे।

स्टाफ की दलील

वहीं डीजे आईनेक्स्ट के इस खुलासे के बाद सभी फिल्टर प्लांट के स्टाफ ने अपनी अलग ही दलील दी। उनका कहना था कि गंदा पानी वे सप्लाई नहीं करते हैं। पानी को अच्छी तरह से फिल्टर किया जाता है, उसमें एलएम, चूना, क्लोरीन गैस मिलाकर पानी को साफ किया जाता है इसके बाद ही सप्लाई करते हैं।

Posted By: Inextlive