- गंगाजल से स्नान कर मां गंगा से की सुख-शांति की कामना DEHRADUN: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर लोगों ने घर में मां गंगा की पूजा कर गंगा दशहरा मनाया. सुबह पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने के बाद मां गंगा की आराधना और भगवान शिव का पूजन कर समस्त पापों से मुक्ति की कामना की. गंगा में न

- गंगाजल से स्नान कर मां गंगा से की सुख-शांति की कामना

DEHRADUN: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर लोगों ने घर में मां गंगा की पूजा कर गंगा दशहरा मनाया। सुबह पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने के बाद मां गंगा की आराधना और भगवान शिव का पूजन कर समस्त पापों से मुक्ति की कामना की।

गंगा में नहीं लगी डुबकी

गंगा दशहरा पर स्नान-ध्यान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी संकट की वजह से श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी नहीं लगा पाए। ऐसे में घर पर ही पूजा कर मन्नत मांगी। सोमवार को शुभमुहूर्त के अनुसार लोगों ने सुबह बाल्टी में पानी के साथ गंगाजल मिलाकर स्नान किया। इसके बाद पूजास्थल पर मां गंगा की प्रतिमा या चित्र की पूजा और आरती की। फिर सत्तू, देशी घी, गुड़ के मिश्रण के पिंड गंगाजल में अíपत किए। पंडित आदित्य शर्मा, सुभाष जोशी ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए घर पर गंगा की आराधना करते हुए स्नान करना गंगा में डुबकी लगाने के समान है। वहीं, लोगों ने मंदिरों के बाहर, झंडा बाजार के पास, रेलवे स्टेशन के बाहर जरूरतमंदों को शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम, चीनी दान की।

Posted By: Inextlive