खतरे में जान, पार हुआ लाल निशान
बाढ़ की स्थिति और भयावह हो गयी। बुधवार की सुबह गंगा खतरे का निशान पार कर गयी। शाम तक जलस्तर खतरे के निशान 71.26 से आठ सेमी से ऊपर 71.34 मीटर दर्ज किया गया। हर दो घंटे में एक सेमी का बढ़ाव हो रहा है। गंगा का पानी रिहायशी इलाकों में दूर तक पहुंच गया है। इससे हाहाकार मचा हुआ है। सामनेघाट, नगवां, रमना, सीरगोवर्धन, मदरवां, डोमरी आदि गांवों में गंगा ने तबाही मचा दी है। सामनेघाट इलाके के मारुतिनगर व गायत्री नगर में फंसे दर्जनों लोगों को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सूबे के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपालजी ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करते हुए राहत सामग्री भी बांटी। डीएम सुरेंद्र सिंह व एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने अस्सी, नगवां आदि इलाकों में बनी बाढ़ चौकियों का दौराकर सुविधाओं का जायजा लिया।
गंगा ने छूआ लाल निशान-1978 में लाल निशान पार हाइएस्ट 73.90 मीटर तक
-1985 में लाल निशान तक -1989 में लाल निशान तक -2003 में हाइऐस्ट 73.90 मीटर तक -2013 में लाल निशान पार हाइऐस्ट -2016 लाल निशान पार एक नजर 71.14 मीटर है गंगा का जलस्तर 71.26 मीटर है खतरे का लाल निशान 73.90 मीटर है हाइएस्ट प्वाइंट गंगा का 02घंटे प्रति सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा पानी
ऐसे बढ़ा जलस्तर -गुरुवार 66.84 मीटर -शुक्रवार 68.64 मीटर -शनिवार 69.90 मीटर -रविवार चेतावनी बिंदु 70.26 पार -सोमवार 70.80 मीटर -मंगलवार 71.14 मीटर -बुधवार की सुबह 71.26 -बुधवार की रात नौ बजे तक 71.34