8500

क्यूसेक मीटर पानी प्रतिदिन छोड़ा गया नरौरा, टिहरी बैराज और हरिद्वार से

01

नवंबर से हो गयी थी पानी छोड़ने की शुरुआत

70.7925

लीटर पानी होता है एक क्यूसेक मीटर एरिया में

12.5

करोड़ लोगों के 4 फरवरी तक स्नान कर लेने का दावा किया है प्रशासन ने

10

लीटर तक पानी कैन में भर कर ले गयी पब्लिक

48.87

खरब लीटर पानी छोड़ा गया बैराजों से जिसके संगम पहुंचने का है दावा

12

करोड़ लीटर से अधिक पानी ले गयी स्नान को आयी पब्लिक अपने साथ

घुटने भर भी नहीं रह गया है संगम पर पानी का जलस्तर

प्रशासन कर रहा दावा 77.00 मीटर पानी होने का

balaji.kesharwani@inext.co.in

PRAYAGRAJ: संगम पर पानी संतों की अपेक्षा के अनुरूप कमर तक नहीं है। मौनी अमावस्या के दिन ही यह घुटने तक पहुंच गया था। गंगा में कई स्थानों पर घुटने के नीचे ही पानी था। यानी इसमें डुबकी लगानी मुश्किल थी। वैसे पानी का आंकड़ा ही प्रशासन के दावों की ऐसी-तैसी करने वाला है। आंकड़ों से खेल रहे अफसरों को आंकड़ों का गणित ही भारी पड़ सकता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इंवेस्टिगेशन में जो फैक्ट्स सामने हैं, वह बताते हैं कि प्रशासन की तरफ से जारी आंकड़ों में छोटा-मोटा नहीं बड़ा झोल है। कैसे पहुंचे हम इस नतीजे तक इसका पूरा डिटेल आप भी जान लें।

मंगलवार को 60 लाख ने लगायी डुबकी

पहले प्रशासन की तरफ से जारी किये गये आंकड़े पर बात। सोमवार की शाम मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दावा किया गया था 15 जनवरी से अब तक कुल 12.50 करोड़ लोग श्रद्धालु संगम के साथ मेला एरिया में बनाये गये कुल 40 घाटों पर डुबकी लगा चुके हैं। मंगलवार को मीडिया सेंटर में ही फिर प्रेस कांफ्रेंस हुई। इसमें बताया गया कि आज भी 60 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगायी है। यानी 5 फरवरी तक डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 13 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। मौनी अमावस्या मेले पर शानदार काम करने वाले कर्मचारियों को बधाई दी गयी और सहयोग के लिए मीडिया का आभार जताया गया।

जितनी भीड़ आयी उतने लीटर पानी ही नहीं छोड़ा

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इंवेस्टिगेशन की शुरुआत की सिंचाई विभाग के अफसर से बातचीत के साथ। एक्सईएन मनोज सिंह ने बताया कि गंगा का जलस्तर मौनी अमावस्या के दिन 77.00 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। कैसे पहुंचा इतना जलस्तर यह जानने के लिए रिपोर्टर ने डाटा मांगा तो उन्होंने जो जवाब दिया उसके मुताबिक 8500 क्यूबिक मीटर पानी प्रतिदिन गंगा और टिहरी बैराज के अलावा हरिद्वार और नरौरा से छोड़ा जा रहा है। यह क्रम 25 दिसंबर से चल रहा है। इसके पहले ब्रेक के साथ पानी छोड़ने की शुरुआत नवंबर महीने से कर दी गयी थी। इस पानी का विस्तार पश्चिम बंगाल तक होना है। उनके अनुसार हम प्रयागराज में निर्धारित 77 मीटर के जलस्तर के आसपास लगातार बने हुए हैं। यही हमारा टारगेट भी है। आने वाले दिनों में भी इसी रफ्तार से पानी छोड़ा जायेगा।

उलझाने वाले हैं आंकड़े

आंकड़ों पर जाएं तो गंगा में पिछले 94 दिनों में 48.87 अरब लीटर से ज्यादा पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है। सही है कि यह पानी पश्चिम बंगाल तक फैल रहा है। इसके बाद भी सोमवार को घुटने के बराबर ही पानी था तो तय तो तय है कि आंकड़ों में बड़ा खेल किया गया है। हालांकि, मनोज सिंह का कहना है कि वह एग्जैक्ट आंकड़ा नहीं दे पाएंगे कि कुल कितने लीटर पानी छोड़ा गया है। क्योंकि, हर दिन का डाटा डिफरेंट है।

पानी का इंपैक्ट

मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने नहीं किया था स्नान। आचमन करके लौट गये थे

संतों ने भी पानी कम होने पर उठाया था सवाल

औसत एक लीटर के आधार पर सिर्फ 12 करोड़ पानी निकला तो पानी का स्तर इतना कम कैसे हो गया

बसंत पंचमी आने तक हालात कैसे सुधार पायेंगे

2013 कुंभ से तुलना करें तोगंगा नदी का जलस्तर इस बार का जलस्तर काफी अधिक है। अभी तक 77 मीटर वाटर लेवल दर्ज किया गया है। इसे मेंटेन रखने के लिए गंगा बैराज, टिहरी और नरोरा डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से गंगा का पानी पूरी तरह से स्वच्छ है।

-मनोज सिंह

एक्सईएन, सिंचाई बाढ़ खंड

Posted By: Inextlive