-2013, 2016 के बाद इस साल भी गंगा ने दिखाया अपना रौद्र रुप

बिन बारिश के गंगा की बाढ़ ने बनारस वालों को परेशान कर दिया है। मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से कई बांधों का पानी छोड़ा जा रहा है। जिसकी वजह से गंगा भी उफान पर हैं। हालांकि पिछले कई सालों की बात करें तो हर तीसरे साल गंगा अपना दायरा बढ़ाती हैं। बाढ़ के तय मानक 1978 के बाद गंगा 20वीं सदी में तबाही मचाने को 2003 में लौटी थीं। उस दौरान खतरे का निशान पार करते हुए हाईएस्ट 73.90 मीटर तक गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया था। इसके ठीक एक दशक बाद गंगा ने फिर दायरा बढ़ाया और 2013 में तबाही मचा दी थी। तब सड़कों पर नाव चल रहे थे। बीएचयू ट्रामा सेंटर तक गंगा का पानी पहुंच गया था। कई दिनों तक सामनेघाट का पूरा इलाका गंगा के जल में समाया रहा। इसके बाद गंगा हर तीसरे साल लौटने का क्रम जो बनाई वह आज भी जारी है। 2013 के बाद 2016 में गंगा के बाढ़ का पानी खतरे का निशान पार गया था। अब एक बार फिर 2019 में गंगा खतरे के निशान 71.26 को पार करने को बेकरार हैं। बढ़ाव की गति यदि रही तो मंगलवार की दोपहर तक खतरे का निशान छू लेंगी। अभी दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है।

ऐसे बढ़ा जलस्तर

-गुरुवार रात 66.84 मीटर

-शुक्रवार रात 68.64 मीटर

-शनिवार रात 69.90 मीटर

-रविवार रात चेतावनी बिंदु 70.66 मीटर पार

-सोमवार रात 70.80

Posted By: Inextlive