गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने गलियों को कर दिया बर्बाद, नाला-नाली की भी नहीं होती है सफाई

ALLAHABAD: शहर के वीआईपी और पॉश एरिया के साथ ही आलीशान बंगलों वाले वार्ड झूलेलाल नगर और लूकरगंज के लोग कचरे के ढेर, गंदगी के साथ ही सुअरों के आतंक से बुरी तरह से तंग हैं जबकि शहर के कई बड़े व्यापारी, पूंजीपति और अधिकारी इस वार्ड में रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि इनके बंगलों के बाहर गंदगी का ढेर लगा रहता है। वहीं आवारा पशु व सुअर भी यहां दिन भर घूमते रहते हैं।

वार्ड स्कैन

वार्ड नंबर 36-झूले लाल नगर

निवर्तमान पार्षद- विजय पुर्सवानी

जनसंख्या- 50 हजार

वोटर- 15,000

मोहल्ला- लूकरगंज, सराय खुल्दाबाद, घनश्याम नगर रेलवे कॉलोनी, खुशरूबाग

पब्लिक डिमांड

-अन्य वार्डो की तरह झूलेलाल नगर में भी कराया जाया डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन।

-लूकरगंज की मुख्य सड़कों को किया जाए चौड़ा।

-नाला-नाली को किया जाए कवर्ड।

-आवारा पशुओं के आतंक से दिलाया जाए छुटकारा।

सड़क- 3-10

कुंभ मेला के दौरान झूलेलाल नगर वार्ड की करीब सभी सड़कें व गलियां चमकाई गई थीं। लेकिन सीवर लाइन बिछाने के लिए बाद में ज्यादातर सड़कें खोदी गई। राजरूपपुर को सिविल लाइंस से जोड़ने वाली मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त है। वहीं गलियों की भी हालत खराब है।

पानी- 5-10

पांच साल में तीन ट्यूबवेल की स्थापना होने के कारण झूलेलाल नगर में वॉटर सप्लाई की समस्या तो नहीं है, लेकिन कुछ मोहल्लों में गंदे पानी सप्लाई की समस्या बनी हुई है। इससे सैकड़ों परिवार आए दिन परेशान रहते हैं।

सफाई- 3-10

वीआईपी वार्ड होने के बाद भी झूलेलाल नगर में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। जहां मेन रोड के साथ ही गलियों में कचरे का ढेर लगा रहता है। वहीं घर-घर से कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी है।

आवारा पशु- 3-10

आवारा पशुओं का आतंक झूलेलाल नगर और लूकरगंज वार्ड की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है। इसके लिए वार्ड के लोग नगर निगम पशुधन अधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हैं। क्योंकि लूकरगंज से सटे इलाकों में अवैध सुअर बाड़ा चल रहे हैं। यहां के सुअर लूकरगंज में गंदगी के साथ ही बीमारी भी फैलाते हैं।

नाला-नाली- 3-10

लूकरगंज का पूरा इलाका नाला-नालियों पर बसा है। इसलिए यहां एक दर्जन से अधिक बड़े नाले हैं, जो गंदगी से पटे रहते हैं। आधे से अधिक सड़कों पर नाले हैं। नालों की सफाई नहीं हो पाती है।

निवर्तमान पार्षद के बोल

प्रश्न- अपने वार्ड को आदर्श वार्ड बनाने के लिए पांच साल में कौन से बड़े कार्य कराए?

- वार्ड की करीब सभी मुख्य सड़कों को कुंभ मेला के बजट से बनवाया। जिन गलियों की कभी मरम्मत नहीं हुई थी, ऐसी दो दर्जन से अधिक कच्ची गलियों को पक्का कराया। लूकरगंज की सबसे बड़ी समस्या बन चुके जलभराव से छुटकारा के लिए मदनानी हॉस्पिटल के पीछे के नाले को चौड़ा कराया।

प्रश्न- ऐसा कौन सा कार्य है, जिसे पूरा न करा पाने का मलाल है?

लूकरगंज की मुख्य पहचान में एक लूकरगंज दुर्गा पूजा पार्क के सुंदरीकरण का प्रस्ताव मैंने तैयार किया था। इसे नगर निगम के अधिकारियों को सौंपा था, लेकिन फंड के अभाव में प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसका मुझे आज भी मलाल है।

वार्ड बोलता है

कहने को तो लूकरगंज शहर के पॉश और वीआईपी एरिया में एक है, लेकिन यहां साफ-सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था आज तक शुरू नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से लोग सड़क पर कचरा फेंकने को मजबूर हैं।

-मानवेंद्र चौहान

झूले लाल नगर हो या फिर लूकरगंज की मेन सड़क गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा खोद कर छोड़ दी गई है। इससे हर दिन वार्ड से होकर गुजरने वाले हजारों लोग परेशान रहते हैं। राजरूपपुर और हिम्मतगंज को सिविल लाइंस से जोड़ने की मुख्य सड़क होने के कारण यहां सुबह-शाम ट्रैफिक लोड अधिक रहता है।

-हर्ष सिंह

लूकरगंज के मेन रोड से सटे ओपेन नाले दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं। सड़क किनारे ही कई स्कूल हैं। इनमें पढ़ने वाले बच्चे बरसात के दिनों में नाले में गिर कर घायल हो जाते हैं। सामान्य दिनों में भी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

-महेंद्र गोयल

Posted By: Inextlive