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दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने फाफामऊ ब्रिज से बक्शी बांध तक गंगा में चलाई बाइक

गंगाजल के नाम पर मिला सिर्फ नालों का पानी, पूरे रास्ते नजर आए सिर्फ रेत के टीले

deepak.mishra@inext.co.in

ALLAHABAD: गंगामोक्षदायनी गंगा। लेकिन आपके शहर में गंगा खुद किस हाल में हैं, जानते हैं? हकीकत यह है कि सबका प्यास बुझाने वाली गंगा आज खुद प्यासी है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने फाफामऊ ब्रिज से बक्शी बांध तक गंगा में बाइक चलाते हुएचौंकिए मत, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं, गंगा में बाइक चलाते हुए बक्शी बांध तक गंगा के हालात देखे। इस दौरान जो भी दिखा उसका लाइव नजारा यहां पेश है

आंखों में सवाल, जुबां पर हिदायतें

गंगा का हाल जानने की जिज्ञासा लिए जब दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर अपनी बाइक नारायण आश्रम से नीचे उतार रहा था तो कौतूहल से देखने वाले कई थे। उनकी आंखों में कई सवाल थे और जुबां पर हिदायतें। कहां जाएंगेरेत में बाइक फंस जाएगी तोबीच में कई नाले हैंजैसी बातें। लेकिन इन सबसे बेपरवाह रिपोर्टर ने बाइक गंगा की रेत में उतार दी।

सिर्फ रेत ही रेत

फाफामऊ ब्रिज से संगम की तरफ बढ़ते हुए गंगा की धार दक्षिण की तरफ हो जाती है। ऐसे में बीच का जो हिस्सा है, उस पर सिर्फ रेत के टीले ही हैं। इन खाली हिस्सों में सब्जी के खेत हैं। कहीं-कहीं पर गेहूं की फसलें हाल ही में काटी गई हैं। बिल्कुल बीच में जाने पर रेत के टीले पर बाइक फंसने लगी। इसके बाद मैं और किनारे की तरफ चलने लगा। दूर तक सिर्फ रेत ही रेत। पानी का नामोनिशान तक नहीं। गंगा किनारे में बिल्कुल सिमटी हुई। रेतों के सिलसिलों को नालों के पानी तोड़ते जो शिवकुटी, सलोरी, बघाड़ा जैसे मोहल्लों से बहकर आते हैं। इनसे बीच-बीच में छोटे पोखरनुमा बन गया है।

कहां है अविरल-निर्मल धारा

गंगा की गोद में बाइक चलाते हुए मन में तमाम सवालों की लहरें उठ रही थीं। कहां है गंगा की अविरल-निर्मल धारा? पूरे रास्ते जहां भी गंगा की लहरों के पास पहुंचे तेज बदबू के चलते नाक बंद करनी पड़ी। गंगा की रेत में विभिन्न अवशेष मिले। आस्थाओं के अवशेष। टूटी हुई मूर्तियां, चुनरी, फूलों के हार जो सड़ चुके हैं। कहीं-कहीं जानवरों के अंग और बांस की वो फट्टियां भी मिलीं, जिनपर कभी किसी की लाश को मुक्ति की आस में बहाया गया होगा। पता नहीं इन्हें मुक्ति मिली भी होगी या, नहीं क्योंकि जीवनदायिनी तो खुद जीवन के लिए जूझ रही है।

यह बात सही है कि इस एरिया में गंगा जी की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। हमने इसको लेकर सीएम से तीन बार बात की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि दो महीने के अंदर, पूरे क्षेत्र में पर्याप्त पानी रहेगा। जब तक टिहरी और नरौरा बांध से पानी नहीं छोड़ा जाएगा, अरबों-खरबों रुपए खर्च करना बेकार है।

-महंत नरेंद्र गिरी

अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

Posted By: Inextlive