PATNA: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को पटना के 78 गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा गंगा मइया से सुख-समृद्धि का आशर्विाद मांगा। शहर ही नहीं राज्य के दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु सोमवार शाम से ही गंगा घाट पर श्रद्धालु जुटने लगे थे। सुबह 4 बजे से गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शरू कर दी। घाटों पर गंगा स्नान के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। घाटों पर एसडीआरएफ के जवान तैनात थे। 250 मजिस्ट्रेट व 300 पुलिस अफसरों के साथ ही एक हजार से अधिक जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। गंगा में नाव की परिचालन प्रशासन की ओर से पूरी तरह रोक दिया गया था।

काली घाट और पटना कॉलेज घाट पर सबसे अधिक भीड़

कार्तिक पूर्णिमा को लेकर कालीघाट, पाटलिपुत्रा घाट, पटना कॉलेज घाट पर लाखों की संख्या में भक्तों ने गंगा में स्नान किए। इसके अलावा अधिक भीड़ वाले 12 घाटों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए थे। जिसमें इनमें पाटीपुल घाट, गेट नंबर 93 घाट, गेट नंबर 83 घाट, बांसघाट, कलेक्ट्रेट घाट, कालीघाट, पटना कॉलेज घाट, कृष्णाघाट, गांधीघाट, लॉ कॉलेज घाट, गायघाट, भद्रघाट शामिल हैं।

रात्रि 10 से बजे से होने लगी पूजा

स्नान के लिए दूर दराज से आने वाले भक्त पटना के विभिन्न घाटों पर सोमवार रात्रि 10 बजे से ही गंगा मइया की पूजा अर्चना करने लगे। हर ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। घाट पर भीड़ को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने घाटों पर विशेष तैयारी की गई थी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटना सिटी, महेंद्रू, जिला नियंत्रण कक्ष, कलेक्ट्रेट घाट, दीघा गेट नंबर-93 घाट, दानापुर एवं अन्य अत्यधिक भीड़ वाले घाटों पर फायर ब्रिगेड यूनिट की व्यवस्था की गई। एक-एक यूनिट जिला नियंत्रण कक्ष, पटना एवं पटना सिटी नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त की गई थी।

ये है कार्तिक पूर्णिमा की कहानी

पंडितों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस का वध किया था। असल में त्रिपुर ने एक लाख वर्ष तक तीर्थराज प्रयाग में भारी तपस्या की। अप्सराओं के जाल में भी त्रिपुर नहीं फंसा। ब्रह्मा जी ने वरदान मांगने को कहा तो उसने मनुष्य और देवता के हाथों न मारे जाने का वरदान प्राप्त किया। शिवजी ने ब्रह्माजी और विष्णुजी की सहायता से त्रिपुर का वध किया। उसी दिन कार्तिक पूर्णिमा था। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने पहला अवतार लिया था। इसलिए गंगा में स्नान का विशेष महत्व है।

Posted By: Inextlive