-यूपी व उत्तराखंड सरकार को लिखा पत्र

-जलीय जीवों पर संकट की जताई आशंका

-इस माह पहले सप्ताह में 600 क्यूसेक ही रहा जलस्तर

-आईनेक्स्ट ने उठाया था गिरते जल स्तर का मुद्दा

>DEHRADUN: गंगा में गिरते जल स्तर के कारण जलीय जीवों के संकट पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने चिंता जताई है। इसके लिए यूपी और उत्तराखंड की सरकार को भी पत्र लिखा गया है। इस माह के पहले सप्ताह में म्00 क्यूसेक जल स्तर रहने के कारण जलीय जीवों पर खतरा जताया है। आईनेक्स्ट ने गिरते जल स्तर पर जलीय जीवों पर खतरे को लेकर मुद्दा पहले ही उठाया था।

डॉल्फिन के अस्तित्व पर खतरा

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने पिछले एक महीने के जल स्तर का हवाला दिया है। इसमें अधिकांश समय जल स्तर म्00 क्यूसेक के आसपास ही बताया गया है। ऐसे में गंगा का दायरा सिमट गया है, जिससे गंगा में जलीय जीवों का माइगे्रशन भी रुक गया है। ऐसे में डॉल्फिन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की मानें तो गंगा में फ्00 से अधिक डॉि1ल्फन हैं।

जलस्तर घटने से यह बताई परेशानी

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने कहा है कि जल स्तर इतना नीचे है कि गंगा की जैव विविधता ही खतरे में है। हजारों किस्म के जलीय जीव रहते हैं, जो गंगा को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं। वहीं इनका अस्तित्व जल स्तर पर ही ि1नर्भर है।

घडि़याल पुनर्वास पर करोड़ों खर्च

गंगा में जलस्तर पिछले छह सालों में इतने समय के लिए इस स्तर पर नहीं रहा है। वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अब तक गंगा में भ्00 घडि़याल छोड़ चुका है। इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। जहां कुछ घडि़याल बडे़ हो चुके हैं, वहीं कुछ बहुत छोटे हैं। घडि़याल का मुख्य भोजन मछलियां ही है, ऐसे में जल स्तर कम होने से इनका भोजन भी कम हो जाएगा। गर्मी में घडि़याल पानी में ही रहना पसंद करता है, लेकिन पानी कम होने से घडि़याल पर भी संकट है।

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हमने पिछले डेढ़ महीने के जल स्तर की स्टडी की है। अधिकांश समय जल स्तर म्00 और क्ख्00 क्यूसेक के बीच ही रहा है। इतने कम जल स्तर में घडि़याल और डॉल्फिन पर खतरा है। यूपी और उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया जा रहा है, ताकि जल स्तर बढ़ाने के प्रयास हो सकें।

--संजीव यादव, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ

--ख्0 अप्रैल, पेज दो पर

Posted By: Inextlive