गंगाजल तो शहर में आ गया है लेकिन अभी तक लोगों के कंठ तक नहीं पहुंच पा रहा है.

- तीन चरणों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होना था काम

- अभी शुरु नहीं हो सका काम

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AGRA :
ऐसे तो गंगाजल मार्च में भी मिलना मुश्किल होगा। गंगाजल तो शहर में आ गया है, लेकिन अभी तक लोगों के कंठ तक नहीं पहुंच पा रहा है। जल निगम और जल संस्थान के अफसरों की उदासीनता इसमें रोड़ा बनी हुई है। गंगाजल वितरण के लिए तीन चरणों में कनैक्शन किए जाने के अलावा पाइप लाइनों का इंफ्रास्ट्रक्चर बिछाया जाना था, जो अभी तक शुरू नहीं हो सका है।

न कनैक्शन पूरे हुए, न इंफ्रस्ट्रक्चर तैयार हुआ
अभी तक न तो कनैक्शन का काम पूरा हो सका है, न ही इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो सका है। पहले जिम्मेदार अफसरों का दावा था कि नए साल से गंगाजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। नए साल में 22 दिन गुजर जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है। बता दें कि गंगाजल वितरण को तीन चरणों में वितरित किया जाना था। पहले चरण में घटवासन, ट्रांसयमुना, छत्ता जोन, हरीपर्वत, माईथान, और कोतवाली था। इसमें 82748 आवासों में 10 हजार कनैक्शन किए जाने थे। वहीं दूसरे चरण में स्वामी बाग, दयालबाग, खंदारी, सिकंदरा, वार्ड 20, फ्रीगंज, घटिया आजम खां, बेलनगंज, नूरी दरवाजा, अलबतिया, प्रकाश नगर यमुना पार आदि क्षेत्रों में आपूर्ति की जानी थी। इसमें आवासों की संख्या 27522 में 9551 कनैक्शन किए जाने थे। तीसरे चरण में सिकंदरा, बोदला, शाहगंज, रामबाग, बुन्दू कटरा, में आपूर्ति की जानी थी। इसमें 1,57 679 आवासों में 7714 कनैक्शन किए जाने थे।

सूर्य नगर लोहामंडी ताजगंज

पाइपलाइन की स्थिति जोन-1 जोन-2 जोन-3 कुल वार्ड

फुल कवर्ड 17 1 0 18

आंशिक रुप से 28 11 16 55

नॉन कवर्ड 1 14 12 27

कुल 46 26 28 100

शहर की लगभग एक चौथाई आबादी बिना इंफ्रास्ट्रक्चर गंगाजल से वंचित ही रह जाएगा।

ये होना था काम

अमृत योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित योजनाओं की स्थिति

गंगाजल वितरण के लिए 13.65 करोड़ की लागत से 27363 पेयजल के लिए घर-घर कनैक्शन किए जाने थे। ये काम तीन चरणों में 31 दिसम्बर तक पूरा किया जाना था, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। फेज-1 में 11.66 करोड़ धनराशि स्वीकृत की गई थी। इसके सापेक्ष 21250 कनैक्शन ही किए जा सके हैं। अभी काम जारी है।

- योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में 122.00 करोड़ के सापेक्ष पेयजल आपूर्ति योजना के तहत कार्य किया जाना था।

- 127.96 करोड़ की योजना में अभी तक ईएफसी से कोई स्वीकृति नहीं मिल सकी है। इस योजना में कोतवाली, शाहगंज -1 रकाबगंज, केशवकुंज के क्षतिग्रस्त जैडपीएस के स्थान पर चार नए जैडपीएस निर्माण किया जाना था। इसके अलावा गढ़ी भदौरिया, राममोहन नगर, बोदला सेंट्रल पार्क के पीछे का पार्क, इसमें तीन नए भूमिगत टैंक बनाया जाना प्रस्तावित है। जो अभी नहीं हो सका है। पेयजल वितरण सिस्टम के साथ-साथ जीवनी मंडी जल संस्थान से कमलानगर तक अलग फीडर मेन बिछाए जाने का काम भी शामिल था।

- तीसरे चरण में 80 करोड़ की लागत से शाहगंज क्षेत्र में फेस 4 के अन्तर्गत अलबतिया क्षेत्र, बालाजीपुर्म, मारुति स्टेट, आजमपाड़ा, क्षेत्र के लिए 2 जैडपीएस चार हाईटेक टैंक आदि कार्य किया जाना प्रस्तावित था। इसमें 71.59 करोड़ धनराशि की शासन से स्वीकृति नहीं हो सकी है।

सिकंदरा जल शोधन क्षेत्र से आपूर्ति

नरीपुरा क्षेत्र: नरीपुरा, अजीत नगर, बारह खंबा, मुस्तफा क्वार्टर, सोहल्ला आदि क्षेत्र में पेयजल वितरण के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है।

लोहामंडी: लोहामंडी के राजनगर, अशोक नगर, कंस गेट, अहीर पाड़ा घास की मंडी में गंगाजल वितरण के लिए कोई इंफ्रस्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है। हालांकि विधायक योगेन्द्र उपाध्याय इस मामले में शासन से कार्य शुरु करवाने के लिए प्रयासरत हैं।

जीवनी मंडी जल शोधन क्षेत्र से आपूर्ति
उखर्रा क्षेत्र: जीवनी मंडी क्षेत्र से छोटा उखर्रा, बड़ा उखर्रा, बीच का उखर्रा, हिमाचल कॉलोनी, तख्त पहलवान, सराय मलूक चंद समेत दर्जन भर क्षेत्रों में पाइप्ड पेयजल आपूर्ति हेतु कोई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है.ये पेयजलविहीन क्षेत्र है।

 

 

 

Posted By: Inextlive