ओडीएफ में पिछड़े इलाहाबाद को गति देने के लिए प्रशासन की पहल

ग्राम प्रधानों को दिया जा रहा स्वीकृति पत्र, 38 करोड़ रुपए रिलीज

ALLAHABAD: जिले के गंगा किनारे बसे 122 गांवों को पूरी तरह खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने में लगे जिला प्रशासन ने नोट बंदी से निपटने का नया रास्ता खोज निकाला है। बैंकों से पैसा निकालने में नाकामयाब रहे ग्राम प्रधानों को प्रशासन की ओर से स्वीकृति पत्र दिया जा रहा है। जिसमें कहा गया है कि प्रधान अपनी ओर से पैसा लगाकर गांवों में शौचालय बनवाएं और इसकी भरपाई जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। बैंक में फंसे पैसे को प्रशासनिक अधिकारी निकालकर प्रधानों को सौपेंगे।

अभी बनने हैं 16900 शौचालय

केंद्र सरकार के भारत स्वच्छता मिशन के तहत जिले के 27 गांवों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। अभी तक गंगा किनारे बसे गांवों में 16 हजार शौचालयों का निर्माण हो चुका है। जबकि 2500 निर्माणाधीन हैं। साथ ही 16900 शौचालय बनना बाकी है। अक्टूबर में प्रगति कम हुई तो रही सही कसर नोट बंदी ने पूरी कर दी। नोट बंदी के बाद बैंक से पैसा निकालने में ग्राम प्रधानों को दिक्कत पेश तो निर्माण पर रोक लग गई। ऐसे में व‌र्ल्ड बैंक समेत केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों का दबाव भी बढ़ने लगा। उधर, जिला प्रशासन को दिसंबर में सभी गांवों को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य भी दिया गया है। ऐसे में अधिकारियों की चिंताएं भी बढ़ गई थीं।

शुरू हुआ काम, प्रशासन ने ली गारंटी

अधिकारियों ने जिन गांव में शौचालय का निर्माण अधूरा है या होना है, वहां के ग्राम प्रधानों को स्वीकृति पत्र जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि प्रधान अपने पैसे का उपयोग कर शौचालय का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करें और अगले एक सप्ताह में बैंक से पैसा उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। इसका असर भी दिखने लगा है। प्रधान ईट और बालू अपने पैसों से खरीदने लगे हैं। बता दें कि जिले के 122 गांव में कुल 47265 शौचालय बनने हैं। अभी तक 38 करोड़ रुपए प्रशासन जारी का चुका है और जल्द ही बाकी बचे 29 करोड़ रुपए भी ग्राम प्रधानों के खाते में पहुंचा दिए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक एक शौचालय में बारह हजार रुपए का खर्च आता है, जिसकी पहली किस्त में प्रधानों के खाते में छह हजार रुपए दिया जा चुका है।

ग्राम प्रधानों को स्वीकृति पत्र सौंपा जा चुका है। ओडीएफ अभियान में देरी नही होने दी जाएगी। तय समय में काम पूरा कराया जा रहा है। प्रधानों ने भी अपनी ओर से पूरे प्रयास शुरू कर दिए हैं। ओडीएफ के काम को जन आंदोलन की तरह पूरा किया जा रहा है।

आंद्रा वामसी, सीडीओ, इलाहाबाद

Posted By: Inextlive