गंगोत्री पथ बनी 'क्रिकेट पिच'
-मां के भक्तों की संख्या लाखों से हजारों में खिसकी
-कारोबार चौपट, आपदा का खौफ भक्तों में बरकरार >dehradun@inext.co.inDEHRADUN : वर्ल्डफेम जिस गंगोत्री धाम में कभी मां गंगा के दर्शनों के लिए धूप, सर्दी व बारिश में भक्तों को घंटों कतार में खड़ा होना पड़ता था। आज मां के दरबार के लिए जाने वाले उस पथ पर वीरानी छाई है। समय का सदुपयोग हो सके, इसके लिए बच्चों ने रास्ते को ही क्रिकेट की पिच बना दिया है। बरबस क्रिकेट खेलने वाले बच्चों को मां गंगा के भक्त हर-हर गंगे करते नजर आ जाते हैं तो क्रिकेट की पिच बने रास्ते को छोड़ देते हैं। यकीनन आपदा के बाद इस बार मां की घाटी में भक्तों जैसे कमी पड़ गई है। इसमें सच्चाई भी है। 2013 की त्रासदी ने मां के भक्तों में खौफ पैदा कर दिया। जानकार तो यही मानते हुए धार्मिक पर्यटन की बैकबोन ब्रेक हो जाने की बात कह रहे हैं।
30 हजार से 300 तक आ गया आंकड़ाउत्तरकाशी मुख्यालय से लेकर गंगोत्री तक करीब 100 किमी की घाटी में 2012 तक हर-हर गंगे के उद्घोष सुबह शाम सुने जाते थे। यकीन मानिए इस बार वो उत्साह नहीं रह गया है। 100 किमी के हाईवे में भैरों घाटी, धराली, हर्षिल, लंका, गंगोरी व मानरी हर पड़ाव मां के भक्तों ने ठसाठस रहा करते थे। जून के महीने में तो तांता लगा रहता था। इस रूट पर सैकड़ों की तादात में ढाबा, होटेल्स व दुकानें आसानी से नजर आ जाती थी। लेकिन जून 2013 के बाद से 45 परसेंट से अधिक होटेल्स, दुकान व ढाबों पर ताला लग गया है। यही वजह है कि गंगोत्री में प्रसाद बेचने वाले कृतेश भट्ट कहते हैं कि हमारे पास कोई काम नहीं, टाइम पास के लिए क्रिकेट ही खेल रहे हैं। दूसरे प्रसाद विक्रेता ललित कहते हैं कि आपदा से पहले रोजाना 30 हजार तक का प्रसाद बिक जाता था, लेकिन आजकल महज 300 रुपया तक।
------------------- 45 परसेंट तक कारोबार चौपट उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के मुताबिक 45 परसेंट तक होटल इंडस्ट्री आपदा के कारण चौपट हो गई है। ये सारे लोग अपने कारोबार पर ताल लटकाकर घर की तरफ निकल कर अपने दूसरे कारोबार में जुट गए हैं। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल के अनुसार पिछले साल गंगोत्री घाटी में हालांकि इस प्रकार की कोई घटना नहीं हुई, लेकिन केदारनाथ की घटना के लगातार मीडिया में दिखाए जाने के बाद गंगोत्री धाम में पर्यटकों की आमद पर ब्रेक लग गया है। ---------------------एक नजर वर्षवार गंगोत्री में आने वाले यात्रियों की संख्या पर (लाख में)
2000--2.08 2001--1.31 2002--1.18 2003--1.39 2004--1.60 2005--2.23 2006--2.53 2007--2.53 2008--3.29 2009--3.80 2010--3.10 2011--4.79 2012--4.43 2013--2.06 2014--35, 0888(Till 24 june) ------------------- गौमुख ट्रैक भी खाली कभी क्म् हजार से अधिक टूरिस्ट्स से गदगद रहने वाली गौमुख ट्रैक भी खाली हैं। गंगोत्री से करीब क्8 किमी के ट्रैक में इस बार ख्ख् जून तक कुल ख्फ्भ्8 टूरिस्ट ही रिकॉर्ड किए गए।