- दिल दहला देने वाली वारदात में किसी प्रकार बची थी जान

- टूट गया था जबड़ा, आज भी खाना खाने में होती है परेशानी

एक के बाद एक ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिसमें हैवानियत की हदें लांघ दी जाती हैं। ऐसा ही एक मामले पिछले साल धनबाद के बरवाअड्डा में हुआ था। एक आदिवासी लड़की के साथ चार वहशियों ने पहले सामूहिक बलात्कार किया, फिर उसे मारने की कोशिश की। पत्थर से चेहरे को कुचल दिया गया था, जिसे याद कर आज भी ममता (नाम परिवर्तित) सिहर उठती है। उस दिन अगर पुलिस वालों ने उसे झाडि़यों से उठाकर हॉस्पिटल में भर्ती नहीं कराया होता, तो शायद आज ममता जिंदा नहीं होती।

दोस्त ने किया रिश्ते का खून

ममता की जान पहचान परितोष नाम के एक युवक से थी। वह रांची में ही एक मिठाई की दुकान में काम करता था। ममता का एक छोटा भाई काफी दिनों से लापता था। परिवार के सदस्य अपने स्तर से उसकी खोजबीन कर रहे थे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा था। इसी बीच परितोष ने ममता से कहा कि उसका भाई धनबाद में है। वह उसे ले जाएगा और भाई को खोजने में मदद करेगा। साथ ही उसने यह भी कहा था कि परिवार की गरीबी दूर करने के लिए वह धनबाद में ही काम कर ले। वह उसे नौकरी दिलवा देगा। परितोष की मंशा ममता भांप न सकी। वह रांची आकर उसके साथ धनबाद चली गई।

पहले से ही तय था सबकुछ

परितोष अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ मिलकर ममता का बलात्कार करना चाहता था। पिछले साल सितंबर के अंत में वह रांची से ममता को लेकर बस से धनबाद गया। धनबाद पहुंचने से पहले ही उसने अपने तीन अन्य दोस्तों प्रकाश, गुड्डू और कुंदन को यह बता दिया था कि वह लड़की को लेकर आ रहा है, सभी तैयार रहें। इसके बाद पंडुकी फुटबॉल मैदान में शराब के नशे में चूर होकर चारों ने ममता के साथ बारी-बारी से बलात्कार किया। जब ममता बेहोश हो गई, तो सभी ने उसे मरा समझकर चेहरे को भारी-भरकम पत्थर से कुचल डाला। इसके बाद सभी फरार हो गए थे।

लोगों ने पुलिस को दी थी सूचना

आम लोगों ने जब पंडुकी फुटबॉल मैदान के पास झाड़ी में एक लड़की को देखा, तो समझा कि यह लाश है। ममता तब जिंदा थी। पुलिस ने उसे उठाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। फिर उसे रिम्स, रांची लाया गया। यहां दीया सेवा संस्थान की सीता स्वांसी की देखरेख में उसका इलाज चला। ममता का जबड़ा टूट चुका था। इलाज की लंबी प्रक्रिया के बाद ममता को किसी प्रकार बचा तो लिया गया, लेकिन आज भी वह ठीक से खाना-पीना नहीं कर पाती। उस वारदात को याद कर सहम जाती है।

सभी आरोपी जेल में

ममता के साथ दरिंदगी करने वालों को पुलिस ने वारदात के 48 घंटों के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया था। अभी सभी का मामला कोर्ट में चल रहा है। आरोपी जेल में हैं। ममता को मुआवजे की रकम मिली तो है, लेकिन इससे उसके मन में गहरा बैठ चुका जख्म कभी खत्म नहीं होगा। वह बार-बार यही कहती है कि जिस पर उसने भरोसा किया, उसी ने धोखा दे दिया। वह सभी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग करती है।

Posted By: Inextlive