- कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद शुरू हुई गैंगवार जारी

- मुख्तार की पैरवी करने वाले भी बृजेश गैंग के निशाने पर

- पूर्वाचल और बिहार से जुड़ रहे पेशेवर शूटरों के तार

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW: माफिया सरगना मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह की हत्या के तार पूर्वाचल से जुड़ रहे हैं। भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या के बाद पूर्वाचल में मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह गैंग के बीच शुरू हुई गैंगवार ने राजधानी में भी पैर पसारने शुरू कर दिए है। सूत्रों की माने तो पुष्पजीत की हत्या कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी की पैरवी और धंधे में दखल देने की वजह से हुई। मुन्ना के साले की हत्या के बाद गैंगवार में बढ़ोत्तरी तय मानी जा रही है।

मुख्तार के करीबी भी निशाने पर

सूत्रों की माने तो बृजेश सिंह गिरोह का अगला निशाना कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी की पैरवी करने वाले भी हो सकते हैं। इनमें मुख्तार की पैरवी करने वाले मिस्बाह का नाम सबसे ऊपर है। साथ ही बृजेश गैंग मुख्तार के करीबी माने जाने वाले बीकेडी को भी तलाश रहा है। बीकेडी ने पिछले तीन बरसों में बृजेश गिरोह का सबसे ज्यादा नुकसान किया था। हाल ही में वाराणसी में बृजेश का पूरा कारोबार संभालने वाले बसपा नेता राम बिहारी चौबे की हत्या कर दी गयी थी। इसमें भी बीकेडी का हाथ होने का संदेह है। चौबे की हत्या से बृजेश सिंह को खास नुकसान उठाना पड़ा है।

बीकेडी ने भड़काई गैंगवार

दोनों गुटों के बीच चल रही गैंगवार को बढ़ाने में बृजेश के विरोधी इंद्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी की बड़ी भूमिका है। बीकेडी को मुख्तार का करीबी माना जाता है। बीकेडी ने पिछले तीन वर्ष में बृजेश के कई करीबियों को मौत की नींद सुला दिया है। इसकी शुरुआत उसने वाराणसी में 2013 में बृजेश के करीबी अजय खलनायक पर हमले से की थी। बाद में उसने बृजेश के भतीजे सतीश सिंह को घर में घ़ुसकर भून दिया। बीकेडी का इरादा बृजेश के करीबी पूर्वाचल के एक विधायक को भी मारने का था लेकिन एसटीएफ ने उसके साथी नामवर सिंह को गिरफ्तार कर इस पर पानी फेर दिया। फिलहाल, बीकेडी का पता लगाने की पुलिस की सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं।

बड़े ठेकों में वर्चस्व की जंग

बृजेश की गिरफ्तारी के बाद स्क्रैप, कोयले की दलाली और सरकारी ठेकों में मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के बढ़ते वर्चस्व ने इस गैंगवार को हवा दी है। बृजेश के कमजोर होने का फायदा उठाते हुए मुख्तार अंसारी गैंग ने पूर्वाचल से लेकर राजधानी तक अपनी पकड़ बना ली। सूत्रों की माने तो जेल से ही मुख्तार और मुन्ना आज भी अपने गैंग को ऑपरेट कर रहे है। राजधानी में मुन्ना बजरंगी की दहशत का नमूना पिछली कुछ घटनाओं में देखने को मिल चुका है। वहीं मंडी परिषद, रेलवे, पीडब्ल्यूडी जैसे तमाम महकमों में बृजेश के करीबियों को काम मिलना तकरीबन बंद हो गया है।

Posted By: Inextlive