शीशमबाड़ा में जमा कूड़े से बनेगा सीमेंट
-दून, मसूरी, हर्बटपुर, विकासनगर का कूड़ा पहुंचेगा हिमाचल
-बाघा स्थित सीमेंट फैक्ट्री के साथ जल्द होगा एमओयू देहरादून शीशमबाड़ा के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में जमा सैकड़ों मीट्रिक टन हमेशा के लिए आफत बन चुका कूड़ा अब देश की ताकत बनेगा। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो यह कूड़ा हिमाचल प्रदेश के बाघा स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री तक पहुंचेगा, जिससे सीमेंट तैयार होगा। इसके लिए नगर निगम देहरादून ने अपनी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। अब सीमेंट फैक्ट्री की तरफ से औपचारिक पत्र आना बाकी है। इससे न केवल नगर निगम दून बल्कि, मसूरी, विकासनगर व हर्बटपुर नगर पालिकाओं की भी आमदनी बढ़ जाएगी। कूड़े से होगी आमदनीतमाम विरोध प्रदर्शनों के बीच दून नगर निगम सहित मसूरी, हर्बटपुर व विकासनगर जैसी नगर पालिकाओं का कूड़ा अब शीशमबाड़ा में डंप हो रहा है। इस प्लांट में कूड़ा पहुंचाने के लिए निगम प्रशासन ने रैमके कंपनी की पीएसयू चेन्नई एमएसडब्ल्यू को जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन, यहां रिसाइकिलिंग न होने के कारण कूड़ा का ढेर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी के साथ आसपास रहने वाले लोगों का विरोध भी बढ़ रहा है। अब नगर निगम ने इसका तोड़ निकाला है। बताया जा रहा है कि हिमाचल के बाघा में स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री के साथ कूड़े की रिसाइकिलिंग के लिए निगम का समझौता हो चुका है। इस बारे में खुद नगर निगम के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी डा। कैलाश जोशी ने बताया कि सीमेंट फैक्ट्री की ओर से लेटर आना बाकी है। जिसके बाद दून नगर निगम का करीब साढे़ तीन मीट्रिक टन कूड़े के साथ मसूरी, हर्बटपुर व विकासनगर नगर पालिकाओं का कूड़ा भी हिमाचल के बाघा के लिए ट्रांसफर हो जाएगा। जिससे नगर निगम के अलावा पालिकाओं की आमदनी भी हो पाएगी।
प्रमुख बातें दून में सबसे पहले जेएनएनयूआरएम के तहत वर्ष 2008 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाने की कवायद हुई शुरु। -बजट 24 करोड़ रुपये तय किया गया, कानूनी दांव पेंच के बीच प्लांट का निर्माण पीछे होता चला गया। -नवंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी ने प्लांट निर्माण को मंजूरी दी, दो साल टेंडर और बजट की प्रक्रिया चलती रही। -शीशमबाड़ा में सबसे पहले वर्ष 2016 मे ट्रंचिंग ग्राउंड का प्रपोजल हासिल हुआ। -फिर बजट 36 करोड़ तक जा पहुंचा, तीन अक्टूबर 2016 को विरोध के बीच प्लांट का शिलान्यास हुआ। -निर्माण में 13 महीने का वक्त लगा, करीब सवा आठ एकड़ में बने इस प्लांट में बीती एक दिसंबर से कूड़ा डालना शुरू हुआ।-अप्रैल 2017 में तत्कालीन मेयर विनोद चमोली ने इसका अनौपचारिक उद्घाटन किया।
-दिसंबर 2017 से इस सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइकिलिंग प्लांट में कूड़ा आना शुरू हुआ। -सीएम ने 23 जनवरी 2018 में औपचारिक तौर पर उद्घाटन किया। इसमें मशीनें भी शामिल रही। -दावा किया गया कि प्लांच फुली कवर्ड एंड मैकेनाइज्ड ऐरोबिकब विंडो सिस्टम से लैस होगा। -सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइक्लिंग प्लांट शुरू होते ही यहां कई किमी तक बू का प्रकोप रहा। -विरोध शुरु, इसके बाद समझौता हुआ 40 फुट तक सुरक्षा दीवार बनेगी, लेकिन केवल 25 फुट ही बन पाया। -स्थानीय लोगों के आरोप के मुताबिक 5 किमी दायरे तक बदबू व करीब 50 हजार आबादी प्रभावित है।