-कूड़े के ढेर पर खड़ा है शहर, कोई नहीं सुन रहा पब्लिक की

-सभासद से लेकर मेयर तक लगे हैं किसी न किसी प्रत्याशी के प्रचार में

-कोई नेता बात नहीं कर रहा है इस मुद्दे पर न दे रहा है समाधान

कूड़े के ढेर पर खड़ा है शहर, कोई नहीं सुन रहा पब्लिक की

-सभासद से लेकर मेयर तक लगे हैं किसी न किसी प्रत्याशी के प्रचार में

-कोई नेता बात नहीं कर रहा है इस मुद्दे पर न दे रहा है समाधान

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: वोट चाहिए तो पब्लिक के पास जाइए। हाथ जोडि़ए, जाति और क्षेत्रवाद की दुहाई दीजिए। जनता है, पिघल ही जाएगी। लेकिन, समस्याओं का क्या? इन पर कौन ध्यान देगा। फिलहाल शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। डंपिंग ग्राउंड से लेकर गलियों तक पर कूड़ा पड़ा सड़ रहा है। इसे उठाने की किसी को सुध नहीं है। नगर निगम के अधिकारी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हैं तो सभासद से लेकर मेयर तक चुनावी प्रचार में। हालात इतने गंभीर हैं कि वार्डो में एक भी सफाई कर्मचारी तैनात नहीं है। पेमेंट की प्रॉब्लम के चलते निजी क्षेत्र की कंपनी ने भी कूड़ा उठाने से इंकार कर दिया है। ऐसे में पब्लिक को मजबूरी में गंदगी के बीच रहना पड़ रहा है।

दिनभर में उठता है आधा कूड़ा

शहर में प्रतिदिन भ्00 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है और उठता है बमुश्किल ख्00 से ख्भ्0 मीट्रिक टन। बाकी कूड़े का क्या होता है? इस सवाल का जवाब फिलहाल नगर निगम के किसी ऑफिसर के पास नहीं है। तो हम बताते हैं, यह कूड़ा कई दिनों तक शहर के अलग-अलग हिस्सों में पड़ा सड़ता रहता है। इससे पैदा होने वाली गंदगी लोगों के घर पहुंचकर बीमारियां पैदा कर रही है। शहर के पॉश एरिया को छोड़ दें तो करेली, खुल्दाबाद, लूकरगंज, चकिया, राजरूपपुर, अल्लापुर, दारागंज, मुट्ठीगंज, बघाड़ा सहित दर्जनों मोहल्लों की हालत दयनीय है। यहां चंद कदमों की दूरी पर गंदगी का ढेर दिखना आम बात है।

पति के प्रचार में मेयर बिजी, पार्षद भी नदारद

पब्लिक भी परेशान है कि आखिर किससे अपने दिल की बात कहे। अक्सर मोहल्ले की गलियों में टकरा जाने वाले पार्षद भी चुनावी सीजन में पार्टी प्रत्याशी के लिए प्रचार कर वोट मांग रहे हैं। उधर मेयर अभिलाषा गुप्ता के भी दर्शन काफी दिनों से नगर निगम में नहीं हुए हैं। जनता भी समझ रही है कि चुनावी सीजन में उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। फिलहाल मेयर साहिबा पत्‍‌नी धर्म निभाने में बिजी हैं। उनके पति नंद गोपाल गुप्ता नंदी इलाहाबाद लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। खुद जनता भी त्रस्त हो चुकी है। गंदगी से निजात पाने के लिए उसे अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। खुद मेयर को भी याद नहीं होगा कि कितने दिन पहले उनका नगर निगम में आना हुआ था।

क्भ् हजार की आबादी पर एक भी सफाई कर्मी नहीं

शहर में सफाई व्यवस्था की हालत कैसी है, इसको बताने के लिए महज एक वार्ड का एग्जाम्पल ही काफी है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि गौस नगर करेली वार्ड 7म् की आबादी क्भ् हजार से अधिक है लेकिन यहां नगर निगम की ओर से एक भी सफाईकर्मी तैनात नहीं किया गया है। इरफान अली एजूकेशनल एंड चैरिटेबल सोसायटी की ओर से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ। सोसायटी के सिब्तैन अली सिददकी के मुताबिक वार्ड में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है। कूड़ा कई दिनों तक नहीं उठता है, जिससे नालियां चोक हो चुकी हैं। अपनी उपेक्षा से परेशान जल्द ही इस वार्ड की जनता आंदोलन भी कर सकती है।

ढूंढते रह जाओगे

मानक के अनुसार शहर की क्ब् लाख आबादी पर फ्700 सफाईकर्मी होने चाहिए थे। लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या महज ख्ख्00 है। इनमें से चार सौ तो संविदा पर रखे गए हैं। नियमानुसार फ्भ्7 की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी का होना जरूरी है लेकिन मौजूदा स्थिति में म्फ्म् लोगों पर एक कर्मचारी की तैनाती की गई है। ऐसे में सफाई व्यवस्था का धड़ाम होना लाजिमी है। ऑफिसर्स भी मानते हैं कि कर्मचारियों की संख्या काफी कम है और इतने में शहर को साफ-सुथरा रखना मुमकिन नहीं है। वह भी तब जब आमतौर पर औसतन पांच फीसदी कर्मचारी अवकाश पर रहते हैं।

अब तो एडब्ल्यूपी को भी इंट्रेस्ट नहीं

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी एडब्ल्यूपी भी इस समय अनमने ढंग से काम कर रही है। कंपनी की नगर निगम से भुगतान को लेकर चल रही रार का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। शहर के कुल 80 वार्डो की जगह महज ख्0 वार्ड में ही यह कंपनी कूड़ा कलेक्शन कर रही है। बाकी वार्ड भगवान भरोसे हैं। इतना ही नहीं, कंपनी शहर के महज दो डंपिंग ग्राउंड से ही कूड़ा उठाकर बसवार स्थित ट्रीटमेंट प्लांट तक भेज रही है। ऐसे में नगर निगम के भरोसे शहर की सफाई व्यवस्था दिन-प्रतिदिन दम तोड़ रही है। खुद चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने भी इस मामले में दिलचस्पी दिखाने की जरूरत नहीं समझी।

-एडब्ल्यूपी के रेट्स को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश चल रही है। शासन से बातचीत की जा रही है। कंपनी अभी दो डंपिंग ग्राउंड से कूड़ा उठा रही है। गली-मोहल्लों से कूड़ा उठाने का काम नगर निगम के कर्मचारी कर रहे हैं। शहर में कहीं भी गंदगी नहीं है।

संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम

-शहर में मानक से कम सफाई कर्मचारी हैं। इसके चलते सफाई व्यवस्था मेंटेन करने में थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वैसे भी कूड़ा उठाने का काम एडब्ल्यूपी का है, इससे हमसे कोई मतलब नहीं है।

डॉ। पीके सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

- सफाई कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा रहा है। चार सौ नए कर्मचारी आउट सोर्सिग के जरिए रखे गए हैं। गंदगी क ो उठवाया जा रहा है। अगर किसी को दिक्कत है तो आकर मुझसे मिल सकता है।

डीपी गिरि, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive