- गर्दनीबाग हॉस्पीटल में कचरे के सड़ने की गंध से परेशान पेशेंट

- सटाकर किया जा रहा कचरा डंपिंग, न मंत्री जी और न अफसरों को परवाह

PATNA: ये राजधानी का हॉस्पीटल है। गर्दनीबाग हॉस्पीटल। देश के पीएम झाड़ू लगा रहे हैं। उनके साथ-साथ आला अफसर भी हाथ बंटा रहे हैं, लेकिन हद है इस हॉस्पीटल को बदबू हॉस्पीटल में बदल कर रख दिया है बिहार गवर्नमेंट ने। ऐसा नहीं है कि गवर्नमेंट को इसकी जानकारी नहीं। गवर्नमेंट को लिखा गया, लेकिन अब तक सब जीरो।

हेल्थ व अरबन मिनिस्टर यहां आइए

गर्दनीबाद हॉस्पीटल का सच ये है कि यहां आप बिना नाक पर रूमाल रखे खड़े नहीं हो सकते। इलाज क्या खाक कराएंगे। खूब सारी मक्खियां भनभानाती रहती हैं यहां। वजह है हॉस्पीटल से सटे कचरे का ढ़ेर। ये ढेर लगातार ऊंचा हो रहा है। पूरे पटना का कचरा यहां लाकर फेंका जाता है और यहां से उठाकर बैरिया ले जाया जाता है।

बंध्याकरण व सीजेरियन भी होता है यहां

यहां हर दिन लगभग तीन-चार महिलाओं का बंध्याकरण होता है। महिलाएं रात भर एडमिट रहती हैं। प्रेग्नेंट लेडी की डिलेवरी ऑपरेशन से भी होती है, यानी ओटी का लगातार यूज होता है। ऐसे हॉस्पीटल में कचरे का महक इन महिलाओं के दर्द को और बढ़ा देता है। कमरे के अंदर बेड तक गंध आती रहती है।

किसे नहीं लिखा ये पूछिए

हॉस्पीटल की डिप्टी सुपरिटेंडेंट कहती हैं कि पटना के डीएम को लिखा। नगर निगम को लिखा। सिविल सर्जन को लिखा। यहां तक कि हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तक को लिखा। लेकिन कोई असर नहीं। उल्टे कूडे़ का ढ़ेर बढ़ता जा रहा है। उसकी बदबू में दम घुटने लगता है कई बार।

बदले में कई लेकर जाइए

ऐसा हॉस्पीटल तो ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेगा। एक बीमारी का इलाज कराने आइए और भर नाक गंध लेकर जाइए। यहां के मच्छर कितने शातिर होंगे सोचिए। सोचिए कि मक्खियां कैसी-कैसी बीमारियां फैलाएंगी। ऐसे हॉस्पीटल से बेहतर हो कि इसे बंद कर दिया जाए या कहीं और ट्रांसफर कर दिया जाए। या तो कचरा का यार्ड हटे या हॉस्पीटल। दोनों अलग-बगल कैसे रहेगा। ये तो अंधेर है।

बरसात में कूड़े का गंदा पानी हॉस्पीटल में घुसता है तो यहां रहना मुश्किल हो जाता है। हवा चले न चले गंध पूरे हॉस्पीटल में फैलती रहती है। पेशेंट्स से लेकर, गार्ड हो या डॉक्टर सब का जीना दुश्वार है।

-डॉ मंजुला रानी, उपाधीक्षक, गर्दनीबाग हॉस्पीटल

हॉस्पीटल में कचरे की गंध ऐसी है कि पूछिए मत। लगता है कि बीमारी और बढ़ जाएगी। घुटन महसूस होती है।

-भुवनेश्वर यादव, पेशेंट के परिजन

स्वास्थ्य संस्थान को तो साफ-सुथरी जगह पर होना चाहिए पर यहां कचरा फेंका जाने लगा है। ये अनहाइजनिक पोजिशन है। शाम के समय, और बरसात में यहां हम सब कैसे रहते हैं ये हम ही जानते हैं।

-डॉ। एम। कुमार, गर्दनीबाग हॉस्पीटल

यहां से कचरा को हटाना होगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम हो रहा है। ट्रीटमेंट किया जाएगा।

-सम्राट चौधरी, अरबन मिनिस्टर, बिहार

Posted By: Inextlive