- कंज्यूमर्स को होम डिलीवरी नहीं हो रहे हैं गैस सिलेंडर्स

- कंज्यूमर्स को गैस सिलेंडर्स के लिए टेंप्रेरी गोडाउन पर आने को किया जा रहा है मजबूर

Meerut : वैसे ही रसोई गैस की कीमतों में लगी आग से पब्लिक परेशान है। अब गैस एजेंसियां भी उन्हें लूटने का कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वो कैसे? जो गैस सिलेंडर पब्लिक को घर में मिलना चाहिए वो उन्हें अस्थाई गोदाम से लेना पड़ रहा है। ताज्जुब की बात तो ये है पब्लिक की जेब से होम डिलीवरी का खर्चा भी लिया जा रहा है। वहीं पब्लिक को दोहरी मार पड़ रही है। वो अस्थाई गोदाम से अपने घर तक रुपए खर्च कर लेकर जा रहे हैं।

सड़क किनारे बना लिए गोदाम

पेट्रोलियम कंपनियों के नियमानुसार कंज्यूमर्स को घर पर रसोई गैस देना का नियम है, लेकिन कई वितरक इन नियमों का खुलेआम मजाक बना रहे हैं। अधिकांश गैस एजेंसियों ने आपूर्ति के लिए अस्थायी गोदाम बना लिए हैं। इसमें छोटा हाथी, टैंपो आदि से सिलेंडर लाकर मुख्य चौराहों, सड़क किनारे व कॉलोनियों के इर्द-गिर्द रख दिए जाते हैं। उपभोक्ता यहां से आकर अपने घर के लिए सिलेंडर ले जाते हैं।

काटी जा रही जेब, छूट से भी परहेज

गैस एजेंसियां होम डिलीवरी करती हैं तो गैस सिलेंडर का निर्धारित शुल्क लिया जाता है। जबकि गोदाम से गैस सिलेंडर लेने पर 'कैश एंड कैरी' योजना लागू है। इसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को क्भ्.ब्7 रुपए की छूट दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन शहर में ऐसा नहीं हो रहा है। अधिकांश एजेंसियां गोदाम से उपभोक्ताओं को आपूर्ति कर रही हैं। ऐसे में गोदाम तक पहुंचने में उपभोक्ता का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है, जबकि उसे छूट भी नहीं दी जा रही। वहीं नुक्कड़ व चौराहों से आपूर्ति भी होम डिलीवरी न करने की श्रेणी में आती है।

एक नजर

- सिटी में आईओसी, बीपीसी व एचपीसी की ब्ख् गैस एजेंसियां हैं।

- भ्.भ् लाख से अधिक कंज्यूमर्स जुड़े हैं।

- घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की मौजूदा कीमत ब्फ्क् रुपए है।

- वितरकों का कमीशन ब्0 रुपए, प्रति सिलेंडर है।

ये हैं नियम

- हर गैस एजेंसी को उपभोक्ता को होम डिलीवरी देनी जरूरी है।

- अपरिहार्य स्थिति में उपभोक्ता, एजेंसी के गोदाम से गैस ले सकता है। इसके लिए उसे गैस एजेंसी को सूचित करना होता है।

Posted By: Inextlive