टीम इंडिया के बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। गंभीर ने भारत के लिए करीब 10 साल तक क्रिकेट खेला। आपको बता दें क्रिकेट उनका पहला प्यार नहीं था। वह बचपन से ही सेना की नौकरी करना चाहते थे।


कानपुर। भारत के बाएं हाथ के ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी फार्मेटों से संन्यास ले लिया। गंभीर टीम इंडिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में एक रहे। हालांकि क्रिकेट उनका पहला प्यार नहीं था। दरअसल वह सेना की नौकरी करना चाहते थे मगर अपनी मां के कहने पर प्रोफेशनल क्रिकेटरर बन गए। सेना के प्रति प्यार और समर्पण का ही भाव है कि गंभीर आज 25 शहीदों के बच्चों का पूरा खर्च उठा रहे। इस बात का खुलासा उन्होंने ब्रेकफाॅस्ट विथ चैंपियंस नाम के एक टाॅक शो में किया था।देश सेवा का है जूनून
गौतम गंभीर बताते हैं कि, उनके अंदर देश सेवा करने का जूनून था। 12वीं क्लाॅस की पढ़ाई पूरी करने के बाद गंभीर ने मन बनाया कि वह आर्मी ज्वाॅइन करें। हालांकि दूसरी तरफ वह क्रिकेट मैदान पर भी अपना जलवा दिखा रहे थे। रणजी मैचों में उनके बल्ले से खूब रन निकले। ऐसे में उनकी मां ने कहा कि जब उनका क्रिकेट करियर सही दिशा में जा रहा तो इसे क्यों छोड़ रहे। गंभीर को अपनी मां की यह बात रास आई और उन्होंने फिर क्रिकेट पर ही पूरा ध्यान लगाया। उस वक्त इंडिया ए वगैरह ज्यादा नहीं खेली जाती थी। ऐसे में पहले अंडर-19 , फिर रणजी के बाद सीधे टीम इंडिया में इंट्री मिल जाती थी। शहीदों के बच्चों का उठा रहे खर्चसाल 2003 में गंभीर को भारत के लिए खेलने का मौका मिल गया। इसके बाद वह साल दर साल अच्छा करते गए और टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज बन गए। हालांकि उनके मन में कहीं न कहीं सेना के लिए प्यार अभी भी था। यही वजह है कि कुछ साल पहले सुकमा में शहीद हुए 25 सीआरपीएफ जवानों के बच्चों का खर्च गौतम गंभीर ही उठा रहे।लोगों को फ्री में खिलाते हैं खाना2011 वर्ल्डकप के फाइनल में 97 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत दिलाने वाले गौतम गंभीर अब लोगों की सेवा में जुटे हैं। गंभीर ने आशा नाम का एक एनजीओ खोला है। जिसमें वह रोजाना लोगों को फ्री में भोजन करवाते हैं। इससे पहले भी गंभीर कई नेक कामों में आगे खड़े नजर आए हैं।जब गौतम गंभीर ने अपना 'मैन ऑफ द मैच' अवार्ड कोहली को दे दिया, ऐसी थी वजहगौतम गंभीर को आउट करने में लगते थे 10 घंटे, फिर भी इस गेंदबाज से थे डरते

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari