Patna : हम भी जीना चाहते हैं. सोसायटी हम पर ताने मारती है. कोई हमें अच्छी नजरों से नहीं देखता. हम किसी के साथ घूम नहीं सकते. अपनी लाइफ को खुलकर नहीं जी सकते. सरकार भी हम पर ध्यान नहीं देती.


कई जिलों से आए थे शुक्रवार को पटना में आयोजित गे प्राइड पैरेड में कई जिलों से आए गे ने अपनी फीलिंग्स भी शेयर की। गे सोसायटी के लिए काम करने वाली संस्था का मानना है कि इनका पॉपुलेशन बता पाना थोड़ा कठिन है। आबादी काफी है, पर लोग सामने नहीं आ रहे हैं। प्राइड पैरेड को कोर्डिनेट कर रहे तनवीर खान ने बताया कि प्राइड पैरेड का आयोजन एलायंस इंडिया, बिहारी शाखा, दोस्ताना सफर, पवन और संघर्ष की ओर से संयुक्त रूप से किया गया। इस रैली में तीस से अधिक गे अपने सोशल रिस्पेक्ट के लिए सड़क पर उतरे। पैरेड रेडक्रॉस सोसायटी से लेकर जेपी गोलंबर तक गया। इस दौरान गे प्राइड पैरेड के मेंबर्स ने खूब इंज्वाय किया।हर जिले में तलाश जारी
गे के लिए काम कर रही संस्था इन दिनों औरंगाबाद, भभुआ, सासाराम, जहानाबाद जैसी जगहों पर गे की तलाश में जुटी हुई है। इसके अलावा बिहार के अदर डिस्ट्रिक्ट में भी गे की तलाश की जा रही है। इस सोसायटी के  लिए काम करने वाले तनवीर खान ने बताया कि ऐसे लोगों की तलाश कर उनके अंदर छुपी कुंठा को बाहर निकालना है। उन्होंने बताया कि 2015 तक गे कम्यूनिटी अपने हक के लिए सड़क पर आकर मांग करेगी। फस्र्ट टाइम बिहार में आयोजित गे प्राइड पैरेड को लेकर लोगों में भी बहुत एक्साइटमेंट था। Humey jeene doमंदिरी के रहने वाले सोनिया और मुकेश ने बताया कि हमलोग गे हैं और अपनी लाइफ को बेहतर तरीके से जीना चाहते हैं, पर लोग जीने नहीं दे रहे। आईटी से ग्रेजुएट सोनिया ने बताया कि घर से लेकर बाहर तक के लोगों को हमसे शिकायत होती है। इसमें हमारी गलती कहां है कि लोग हम पर ऊंगली उठाए। पर, इसके बाद भी लोग परेशान करते हैं। हमलोगों के लिए सरकारी या प्राइवेट स्तर पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे हम अपनी लाइफ बेहतर ढंग से जी सकें। सोनिया और मुकेश की कहानी अकेली नहीं है, बल्कि रवि, प्रीति, कुंदन और न जाने कई गे हैं, जो अपनी जिंदगी अपने अनुसार जीना चाहते हैं।

Posted By: Inextlive