जयपुर की महारानी गायत्री देवी को भारत की सबसे मार्डन महारानी माना जाता है। खूबसूरती ऐसी कि देखने वाले की नजर ठहर जाए। स्‍टाईल में बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियों को मात देने वाली गायत्री देवी का जन्‍म 23 मई को हुआ था। तो आइए आज उनके जन्‍मदिन पर जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें...


गायत्री देवी का बचपनगायत्री देवी जयपुर राजघराने की राजमाता थी। वोग मैग्जीन ने भी उन्हें एक बार अपनी 10 सबसे खूबसूरत महिलाओं की सूची में शामिल किया था। गायत्री देवी बचपन से ही प्रतिभावान थीं। इनका बचपन का नाम 'आयशा' था। गायत्री देवी कूच बिहार की राजकुमारी और जयपुर की महारानी थी। इनके पिता का नाम 'महाराजा जीतेंद्र नारायण' था जो कूच बिहार के राजा थे। इनकी माता का नाम 'इंदिरा राजे' था। राजकुमारी का बचपन बेहद ही ठाठ-बाट में बीता। बचपन से ही महारानी गायत्री देवी प्रतिभावान बालिका थी, जिनके हर शौक लड़कों की तरह थे। खुलेपन की समर्थक थीं गायत्री देवी
अब तक रंग-बिरंगी पेंटिंगों व फ़िल्मों में दिखाई देने वाली ख़ूबसूरत राजकुमारियों की तरह गायत्री देवी भी खूबसूरती की मिसाल थी। वह खुलेपन की समर्थक थीं। उनका ड्रेसिंग सेंस कमाल का था। गायत्री देवी ने पर्दा प्रथा को कभी तवज्जो नहीं दी। वह बेलबॉटम पैंट भी पहनती थीं, तो साड़ी में भी उनको कोई फेल नहीं कर सकता था। भारत में पहली मर्सडीज लाने वाली


महारानी को रॉयल गाड़ियों का भी शौक था, मर्सडीज बेंज डब्ल्यू 126 को पहली बार भारत लाने का श्रेय भी गायत्री देवी को ही दिया जाता है। उनके पास रॉल्स रॉयस तो थी ही सही लेकिन वह एक पर्सनल एयरक्राफ्ट की भी मालकिन थीं। तिहाड़ जेल में बीते कुछ महीनेजनता के बीच महारानी गायत्री देवी का वर्चस्व इतना अधिक था कि सन् 1962 में जनता की प्रिय महारानी गायत्री देवी ने अपने प्रतिद्वंदी को लगभग साढ़े तीन लाख वोटों के अंतर से हराकर एक रिकॉर्ड कायम किया, जिसके कारण गायत्री देवी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में शामिल किया गया। इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दिनों में 'कोफेपोसा एक्ट' के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर गायत्री देवी ने अपने जीवन के कुछ माह तिहाड़ जेल में बिताए थे। 90 वर्ष की आयु में 29 जुलाई 2009, जयपुर में गायत्री देवी का निधन हो गया।

Interesting News inextlive from Interesting News Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari