यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्‍ड्रेन इमरजेंसी फंड UNICEF के एक अधिकारी ने कहा है कि गाजा पट्टी में अब तक कुल 469 बच्‍चे मारे जा चुके हैं. इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी कह कि इस समय वहां की स्थिति बहुत ही भयानक हो चुकी है.

गलत प्रभाव का असर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा के कब्जे वाले फलिस्तीनी क्षेत्र में UNICEF के क्षेत्रीय अधिकारी परनिल आयरनसाइड ने बताया कि यहां पर प्रभाव और बच्चों के मामले में स्थिति बहुत भयानक है'. उन्होंने कहा,'पिछले 48 घंटों में 9 बच्चे और मारे गये हैं. दुर्भाग्यवश इसके साथ ही इस तरह इस सुबह तक मारे गये बच्चों की संख्या 469 हो गई है'. लोगों की मौतों, उनके घायल होने और इमारतों के ध्वस्त होने से शारीरिक स्तर पर लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. खास तौर से बच्चे युद्ध के कारण भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से अस्थिर हो जाते हैं.
बच्चों के मन पर पड़ता दुष्प्रभाव
कनाडा में जन्में मानवाधिकार अधिवक्ता और बच्चों के पैरोकार, जो कि गाजा में एक साल अनुभव हासिल कर चुके हैं और फिलहाल संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे महसूस करते हैं कि कहीं भी जाना सुरक्षित नहीं है. इसके साथ ही उनका कहना है कि बच्चों में सुरक्षा की भावना पैदा करने की जरूरत है.' उनका कहा कि मैंने आज जब बच्चों से बात की तो मैंने पाया कि उन्होंने अपने परिवार के साथ सामान्य बातचीत करना छोड़ दिया है. उन्हें भयंकर सपने आते हैं, वे रो-रोकर अपना बिस्तर गीला कर देते हैं इसके अलावा वे अपने माता-पिता को भी बाहर नहीं जाने देना चाहते हैं.'     

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari