Bareilly : गौतम बुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी की काउंसलिंग स्टूडेंट्स के लिए आफत बन गई है. इस बार काउंसलिंग प्रोसेस को बदल कर स्टूडेंट्स के लिए ईजी बनाया गया. यही बदलाव उल्टे उनके गले पड़ गया. कॉलेज लॉक करने के लिए स्टूडेंट्स कई बार वेबसाइट लॉगइन करते हैं. कई बार तो उन्हें सीट्स की डिटेल्स नहीं मिलती. कई बार सीट मैट्रिक्स चार्ट खुलता है तो सभी सब्जेक्ट्स के कॉलेजेज की लिस्ट विजिबल नहीं होती. यही नहीं कई स्टूडेंट्स ने तो उस पासवर्ड के इंतजार में ही घंटों गुजार दिए जिसके माध्यम से उन्हें कॉलेज लॉक करना है. सारी प्रॉब्लम्स टेक्निकल हैं. इसका सॉल्यूशन जीबीटीयू और काउंसलिंग के टेक्निकल पार्ट का जिम्मा संभाल रही संस्था को निकालना है लेकिन दोनों में सामंजस्य की कमी के न चलते स्टूडेंट्स को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.


खत्म होने के कगार पर जीबीटीयू के कॉलेजेज के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मा समेत कई कोर्सेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग प्रोसेस का फस्र्ट फेज 8 जुलाई को स्टार्ट हुआ था। पहले दिन रैंक 1 से 10,000 रैंक तक के स्टूडेंट्स को डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन के लिए बुलाया गया। अब काउंसलिंग अपने अंतिम पड़ाव पर है। 13 जुलाई को 1,00,000 रैंक से ऊपर के सभी स्टूडेंट्स को डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन के लिए कॉल किया गया। 14 जुलाई से 16 जुलाई तक सभी छूटे हुए कैंडीडेट्स की काउंसलिंग कराई जा रही है। सिटी में 7 सेंटर्स श्री राम मूर्ति स्मारक, श्री सिद्धि विनायक, श्री राम मूर्ति स्मारक वूमेंस, एएनए कॉलेज, फ्यूचर, राजश्री और रक्षपाल बहादुर में काउंसलिंग कराई जा रही है।नया process गले की हड्डी
इस बार एनआईसी की हेल्प से पूरे काउंसलिंग प्रोसेस को चेंज कर दिया गया है। दावा यह था कि यह स्टूडेंट्स के लिए काफी हेल्पफुल साबित होगा। इसके तहत स्टूडेंट्स को यह सुविधा दी गई थी कि वह कॉलेज कहीं भी लॉक कर सकता है। सेंटर पर केवल डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन के लिए आना होगा। कॉलेज लॉक करने के लिए स्टूडेंट्स को वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) उनके मोबाइल पर भेज दिया जाता है। इसकी मदद से स्टूडेंट्स वेबसाइट को लॉग इन कर अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी बैठकर च्वॉइस लॉक कर सकते हैं। यही नया प्रोसेस उनको प्रॉब्लम में डाल रहा है।नहीं मिलता जवाबप्रॉब्लम्स के चलते स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक सेंटर्स पर चक्कर काट रहे हैं और फोन से इंफॉर्मेशन ले रहे हैं। लेकिन सेंटर्स पर तैनात एक्सपट्र्स भी खास मदद करने में अक्षम हैं। दरअसल लखनऊ स्थित जीबीटीयू में बैठे जिम्मेदार ही उनके साथ किसी भी प्रकार का कॉन्टेक्ट नहीं रख रहे हैं। मोबाइल पर कॉन्टेक्ट करने पर अक्सर उनके मोबाइल स्विच ऑफ रहते हैं। इस वजह से सेंटर्स पर भी स्टूडेंट्स को कोई खास जवाब नहीं मिल रहा है। स्टूडेंट्स कंफ्यूज हैं कि अपनी प्रॉब्लम्स के सॉल्यूशन के लिए कहां जाएं। किससे पूछें। क्योंकि नए प्रोसेस की काउंसलिंग में कॉलेज लॉक करने का झंझट सेंटर पर खत्म ही कर दिया है। स्टूडेंट्स अपने आप ही कॉलेज लॉक कर रहे हैं और हेल्प के लिए उनके पास कोई नहीं रहता।

Posted By: Inextlive