- सीबीएसई स्कूलों ने कर ली है इसकी खास तैयारी

- स्कूलों में बनाई जा रही टीचर्स की स्पेशल टीम

- टीचर्स को दी जाएगी अब जेंडर सेंसटिविटी किट

Meerut केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिला किया था। हलफनामे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीएसई ने जेंडर सेंसटिविटी किट विकसित की है। यह किट स्कूलों में टीचरों के लिए है, ताकि लड़के व लड़कियों में बिना किसी भेदभाव के लर्निग प्रोसेस को सुनिश्ििचत किया जा सके। जेंडर सेंसटिविटी पर अब स्कूलों में एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल कुछ स्कूलों में प्रक्रिया भी शुरु हो गई है।

तो ऐसा था प्रस्ताव

इसके तहत स्कूल लेवल से ही बच्चों में महिलाओं का सम्मान करना सिखाया जाएगा व उनके प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा। सीबीएसई ने टीचर्स को ट्रेनिंग प्रोग्राम का प्रस्ताव दिया हैं, ताकि टीचर्स को जेंडर इक्यूअलिटी प्रमोट करने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस पर सुप्रीमकोर्ट ने भी अपनी मोहर लगा दी है। यह तय हो गया है कि अब स्कूल्स लेवल पर जेंडर सेंसटिविटी पर एक्शन लिया जाएगा।

होना चाहिए सुधार

क्म् दिसंबर ख्0क्ख् की दिल्ली गैंगरेप घटना के बाद देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मुहिम चलाई गई। यह भी महसूस किया गया कि समाज में महिलाओं के प्रति कुछ लोगों का नजरिया ठीक नही है। इस माइंडसेट ठीक करने के लिए एजुकेशन सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता है। इसके लिए प्राइमरी एजुकेशन लेवल पर ही प्रयास किया जाना चाहिए। तब सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर जेंडर सेंसटिविटी के लिए एजुकेशन सिस्टम में सुधार की गुहार लगाई गई।

टीचर्स को मिलेगी किट

मानव संसाधन मंत्रालय ने यह भी मुद्दा स्पेशल तौर पर शामिल किया है, जिसके आधार पर सीबीएसई ने जेंडर सेंसटिविटी किट बनाया है। यह किट टीचर्स के लिए है, जिसमें हैंडबुक, जेंडर सेंसटिविटी संबंधित कार्ड व टीचर्स के लिए मैन्युअल होगा।

किट से क्या करेंगे टीचर्स

हैंडबुक को फोकस किया गया है कि क्लास में लड़के लड़कियों को तमाम गतिविधियों में समान रुप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाए व यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी को समान ही रुप से ही अधिकार है व देख जाता है। टीचर्स को बताया जाएगा कि उन्हें किस तरह से स्टूडेंट को नॉलेज देनी है। स्टूडेंट को क्या जानकारी देनी है, कैसे स्टूडेंट को प्रेरित करना है और प्रेरित करने के लिए किस तरह के एग्जामपल देने हैं।

कुछ स्कूल हो गए है तैयार

दीवान पब्लिक स्कूल में इसके लिए स्पेशल मार्निग एसमेंबली में टीचर्स द्वारा डिबेट व परिचर्चा के माध्यम से बच्चों को नॉलेज दी जाती है। एमपीएस में भी इसके लिए स्पेशल टीचर्स की ड्यूटी होती है, जिसमें वह बच्चों को इस विषय पर नॉलेज दें और प्रत्येक एक्टिविटी में एक समान होने के लिए प्रेरित करें। वहीं द आर्यन पब्लिक स्कूल में स्पेशल सीनियर टीचर्स की टीम बनाई गई है, जिसमें तीन टीचर्स को शामिल किया गया है, ये टीचर्स प्रत्येक इस संबंध में नॉलेज देने व अन्य तरह के हर प्रयास करते हैं।

वर्जन

हमारे स्कूल में इस संबंध में प्रयास चल रहा है। टीचर्स द्वारा अक्सर स्टूडेंट को इस संबंध में नॉलेज दी जाती है ताकि वह महिलाओं का सम्मान करना सीखें व आपसी भेदभाव से दूर रहें।

-मधु सिरोही

प्रिंसीपल, एमपीजीएस

हमारे स्कूल में तीन सीनियर टीचर्स की टीम बनाई गई है। जिसमें दो फीमेल व एक मेल टीचर है। यहीं टीचर्स इस संबंध में स्टूडेंट को नॉलेज दे रहे हैं। हमारी अक्सर यही कोशिश रहती है हर एक्टिविटी में ब्वॉयज एंड ग‌र्ल्स दोनों को ही प्रमोट किया जाए, ताकि उनमें किसी तरह का भेदभाव न हो।

-डॉ। अशोक कुमार

प्रिंसीपल, द आर्यन पब्लिक स्कूल

यह बेहद सराहनीय प्रयास है, स्कूलों में इस तरह की एजुकेशन देना बेहद आवश्यक है। इससे बच्चों में शुरू से ही महिला सम्मान की भावना जाग्रत होती है। उन्हें को एजुकेशन मिलना बेहद आवश्यक है।

-डॉ। पूनम देवदत्त

सीबीएसई काउंसलर

Posted By: Inextlive