यूरोपीय देश जर्मनी की सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए नए उपायों की घोषणा की है। इसके तहत सार्वजनिक परिवहन को मुफ्त करने का प्रस्ताव भी पेश किया गया है। जर्मनी की सरकार का मानना है कि इससे शहरों में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में कमी लाने में मदद मिलेगी।


नाइट्रोजन ऑक्साइड ईयू की तय सीमा से रिकॉर्ड स्तर परजर्मनी के 20 बड़े शहरों में नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर यूरोपीय यूनियन (ईयू) द्वारा तय की गई सीमा को पार कर रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में किसी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए मंगलवार को सरकार ने नए उपायों की घोषणा की। जर्मनी की कई अदालतों में प्रभावित शहरों में डीजल वाहनों पर रोक लगाने संबंधी मुकदमे चल रहे हैं। इसी तरह के एक मामले में लिपजिंग शहर की संघीय अदालत 22 फरवरी को फैसला सुना सकती है।जर्मनी को है यूरोपीय यूनियन की ओर से कार्रवाई का डर
हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होने को लेकर जर्मनी को यूरोपीय यूनियन की कार्रवाई का भी डर सता रहा है। वायु गुणवत्ता को लेकर ईयू द्वारा तय किए गए मानकों के पालन में जर्मनी अभी तक खरा नहीं उतर पाया है। समाचार पत्रिका 'पॉलिटिको' ने पर्यावरण मामलों की कार्यकारी मंत्री बारबरा हेंड्रिक्स के हवाले से कहा, 'जरूरत पडऩे पर नगर पालिकाओं और प्रांतीय सरकारों को निजी वाहनों की संख्या में कमी लाने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी।'नाइट्रोजन ऑक्साइड से फेफड़े संबंधी रोग का खतरा


नाइट्रोजन ऑक्साइड मानव स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक माना जाता है। इससे फेफड़ों से संबंधित रोग हो सकता है। इसके उत्सर्जन का सबसे प्रमुख कारण पुरानी डीजल गाडिय़ां बताई जाती हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh