Ghoomketu Movie Review: फिल्म में कई बड़े- बड़े कलाकार होने के बावजूद ये कुछ खास कमाल नहीं कर पाती है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की एक्टिंग फीकी लगती है तो अनुराग कश्यप की एक्टिंग ओवर एक्टिंग। फिलहाल जानते हैं कि फिल्म को क्यों देखें। ये रहा इसका रिव्यू।

फिल्म का नाम : घूमकेतु

कलाकार : नवाजुद्दीन सिद्दीकी, स्वानंद किरकिरे, रघुवीर यादव, रागिनी खन्ना, इला अरुण, अनुराग कश्यप, बृजेंद्र काला

निर्देशक : पुष्पेंद्र नाथ मिश्रा

ओटीटी प्लेटफोर्म : जी 5

Ghoomketu Movie Review: फिल्म में एक सीन है, एक इंस्पेक्टर को चचा उठक- बैठक कराते हैं। हमको लगता है कि इस फिल्म के निर्देशक को भी अपनी गलती के लिए एक बार उठक- बैठक करना ही चाहिए। काहे कि इतना अच्छा- अच्छा एक्टर लोग तो सपना होता है निर्देशक लोग के लिए मगर इनको मिला तो वह ऐसा पिक्चर बना दिए, हम ऐसा ऐसे ही नहीं कह रहे भईया। पूरा लॉजिक है हमरे पास। तो भईया पिक्चर की कहानी है उत्तर प्रदेश के घूमकेतु की, जिसका सपना है कि उसको लेखक बनना है और मुंबई जाना है। मगर छोटे से गांव में रहने वाले लड़के के लिए ई सब इतना आसान थोड़े था, मगर घूमकेतु भी कुछो करके एक बार अपना सपना जरूरे जीना चाहता है। पहले तो वह अखबार में लिखने का सोचता है लेकिन फिर वहां से उसको बॉलीवुड का चस्का लगता है। वहां उसकी कहानी चोरी हो जाती है। समय मिलता है 30 दिन का। अपनी बुआ की मदद से वह भाग तो निकलता है लेकिन धूमकेतु तारे की तरह क्या वह मुंबई ब्रह्माण्ड की सैर करके वापस लौट के बुद्दू घर को आता है कि वहीं रह जाता है। यही कहानी है घूमकेतु की। फिल्म की मेकिंग का स्टाइल देख कर भले आपको कहानी ठीक से समझ न आये बाकी ई बात जरूरे समझ आ जायेगा कि फिल्म बहुत पुराने अंदाज में बनी है। अच्छा कहानी और कैरेक्टर के बावजूद कहानी कुछो वर्क नहीं करती है। रणवीर, सोनाक्षी और अमिताभ के फैन के लिए फिल्म में बाकी एक सरप्राइज भी दिया है। वो क्या है जानने के लिए पूरा रिव्यू तो पढ़िए।

क्या है कहानी

उत्तर प्रदेश का एक परिवार है जिसमें दद्दा ( रघुवीर यादव), संतो बुआ ( इला अरुण), चाचा ( स्वानंद किरकिरे) मिसेज ( रागिनी खन्ना) हैं। और अपने घूमकेतु ( नवाजुद्दीन ) को कईसे भूल जायेंगे, वहीं तो मेन हीरो हैं। कहानी का प्लौट शुरू में लगा कि वाह, कुछ श्याम बेनेगल की फिल्मों जैसा होगा लेकिन धीरे- धीरे वह भ्रम टूट ही गया। घूमकेतु अपने पिता दद्दा की नजर में कुछ नहीं है लेकिन उसको खुद को साबित करना है। लेखक बनने का उसको फितूर चढ़ता है। शादी हो गया है लेकिन नौकरी जैसा कुछ नहीं है। संतो बुआ उसको मुंबई भगा देती हैं। इधर गांव में उसकी खोजबीन चालू होती है। मुंबई में घूमकेतु अपने तरीके से मुंबई को एक्सप्लोर करता है। एक अच्छी मकान मालकिन मिल जाती है। उसका पति पुलिस में है बदलानी ( अनुराग कश्यप) । जी चौंकने की जरूरत नहीं हैं। हम कौनों गलती नहीं कर रहे हैं, अनुराग फिल्म में एक्टिंग ही किये हैं। वह एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में हैं जो खाली घूस लेता है। उसको 30 दिन में घूमकेतु की ड्यूटी मिलती है। तो क्या वह इसमें कामयाब होता है और घूमकेतु का राइटर बनने का ख्वाब पूरा होता है कि नहीं। यहीं कहानी है। कहानी की सबसे बड़ी दिक्कत है कि दिलचस्प होते हुए भी आपके दिल में नहीं जाती है। अचानक कुछ भी होने लगता है। फिर बार- बार जबरन बड़े स्टार्स का गेस्ट अपीयरेंस भी एकदम बेमतलब का है। कुल मिला कर कहा जाए तो डिब्बा बंद इस फिल्म का डिब्बा बंद रहना ही ठीक था।

क्या है अच्छा

कहानी का परिवेश, कलाकारों का चयन। एक से बढ़ कर एक कलाकार, उनके बीच की नोंक- झोंक भी। अमिताभ बच्चन का गेस्ट अपियेरेंस कमाल का है। डायलाॅग बाजी खूब अच्छा है। गांव का माहौल अच्छा दिखाया है।

क्या है बुरा

निर्देशक ने ऐसा लगा है कि खेल- खेल में ये पिक्चर बनाई है। अब 2014 में बन कर ये पिक्चर तैयार हो गई थी। शायद यही वजह है कि नवाज फिल्म में विचित्र टाइप से एक्टिंग किये हैं। उस वक्त उनका स्किल उसी तरह का रहा होगा। फ्री रहेंगे तो उन्होंने फिल्म के लिए हां कह दी होगी और अनुराग कश्यप इस पिक्चर में कुछ वैसे ही मिसफिट हैं जैसे बाम्बे वेलवेट में करण जौहर। भाई, अच्छा काॅन्स्पेट था। उसको वैसे ही बनाया जाता तो मजा भी आता। स्ट्रगल वाली कहानी तो पहले भी देखे हैं हमलोग।

अदाकारी

अरे मान कर चलिए कि ये नवाज का दूध भात वाला फिल्म है। मासूम कैरेक्टर होते हुए भी नवाजुद्दीन इसको खास नहीं बना पाते, उसकी बेवकूफी पर बहुत प्यार नहीं, बल्कि गुस्सा आता है। हां रघुवीर यादव और ईला अरुण ने डूबती नैया को पार लगाया है। फिल्म के वही स्टार हैं। रागिनी खन्ना के लिए पिक्चर में कुछ सीन ही नहीं था। स्वानंद किरकिरे को भी ऐसा लगा है कि पकड़ के एक्टिंग कराई गई है। बृजेंद्र काला अपने पुराने ढर्रे पर हैं और जनाब अनुराग कश्यप के लिए तो तालियां होनी चाहिए। कौन से कास्टिंग निर्देशक ने उनको फिल्म में क़ुबूल किया। उनकी एक्टिंग ओवर एक्टिंग के सिवा कुछ भी नहीं। उनको भूल कर भी कैमरे के सामने आने के लिए डेस्परेट नहीं होना चाहिए।

#Ghoomketu hai seedha sa lekin uski kahani hai bilkul tedhi medhi. Dikhiye iss kahani ka full version 22nd May par only on #ZEE5
Ab trailer dekh kar kya soch rahe ho woh comments mein batao...#GhoomketuOnZEE5@Nawazuddin_S @anuragkashyap72 @SrBachchan @swanandkirkire pic.twitter.com/NSUuYRLIV3

— ZEE5Premium (@ZEE5Premium) May 19, 2020वर्डिक्ट : पिक्चर नवाज और अनुराग दोनों के फैन्स को निराश ही करेगी।

रेटिंग : 2.5 स्टार

Reviewed By : Anu Verma

Posted By: Vandana Sharma