Patna: सास के साथ का खाना-पीना सास की पसंद का गिफ्ट सास का प्यार और उनका ढेर सारा आशीर्वाद ये सब होता है सरगही में. सास-बहू के अटूट प्यार को दर्शाता है सरगही.


हर बहू को रहता है इंतजारशादी के बाद पहली बार होने वाले इस फेस्टिवल का हर बहू को इंतजार रहता है, तो सास भी इस मौके को खूब एंज्वॉय करती हैं। अबकी करवा चौथ 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस मौके पर हमने कुछ ऐसी सास से बात की, जो फस्र्ट टाइम अपनी बहू के लिए सरगही बनाएंगी। गुलाब जामुन से मुंह मीठा करूंगी


जमाल रोड स्थित साकेत प्लाजा की रहने वाली हेमा गाला की तैयारी कुछ अलग है। पहली बार बहू कीसरगही की तैयारी में हेमा गाला अभी से ही जुट गई हैं। बहू शुभ ज्योत की पसंद का पूरा ख्याल रखेंगी। सुबह गुलाब जामुन से मुंह मीठा करना, तो शाम में मीठा चावल खिलाने का प्लान अभी से ही बन गया है। वे बताती हैं कि पहली बार बहू का करवा चौथ हो रहा है, इसलिए मैं काफी एक्साइटेड हूं। सुबह मीठा खिलाने के बाद बहू के लिए आलू-गोबी की सब्जी खुद बना कर खिलाऊंगी। हेमा ने बहू के लिए एक सरप्राइज गिफ्ट ले रखा है, तो बहू की ओर से भी सासू मां के लिए सरप्राइज गिफ्ट तैयार है। बहू के लिए बनाऊंगी खाना

आम दिनों में भले ही सास-बहू के हाथ का खाना खाती हों, लेकिन करवा चौथ पर पूरी तैयारी सास बहू के लिए करती है। तभी तो इन दिनों सुमन चौहान काफी बिजी है। बहू की पसंद की चीजों का लिस्ट बनाने में जुटी हैं। बताती है सुमन चौहान की बहू की सरगही की तैयारी मै पूरी रात जाग कर करती हूं। सुबह 3 बजे से पहले सरगही का आयोजन होता है। बहू चांदनी के लिए खुद अपने हाथों से मिठाई के साथ फेनिया बनाती हूं। सरगही में बहू को नयी सब्जी भी खिलाना होता है। वहीं सुमन चौहान की नयी नवेली बहू भी अभी से सास को देने के लिए गिफ्ट तैयार कर चुकी हैं। सरगही देती सास, पूजा की थाली देती बहूसुबह सूर्य निकलने से पहले सास बहू के लिए सरगही की तैयारी करती हैं, तो शाम में पूजा के बाद बहू अपनी सास को पूजा की थाली सौंपती हैं। इस थाली में पूजा की तमाम चीजों के अलावा मिठाई और सास की पसंद की कई चीजें होती हैं। इसके अलावा बहू अपनी ओर से कुछ गिफ्ट भी सास के लिए डालती हैं। पंजाबी बिरादरी की एक्स प्रेसिडेंट रोशनी बताती हैं कि बहू द्वारा जो पूजा की थाली दी जाती है, उसके समान का यूज सिर्फ सास और ससुर करते हैं।

और फिर चांद का दीदार
करवा चौथ के पूरे दिन निर्जला व्रत होता है। शाम में चांद को देखा जाता है। चांद निकलने के बाद पहले चांद की पूजा और फिर पति की पूजा की जाती है। पूजा के बाद पति द्वारा पानी पिलाने के बाद ही व्रत तोडऩे की परंपरा है। इसके पहले शाम में करवा की थाली का एक दूसरे से बांटने की परंपरा निभाई जाती है। इसके लिए तमाम महिलाएं एक जगह पर इकटठा होती हैं। करवा की थाली बांटने के टाइम महिलाएं शादी का जोड़ा पहनती हैं। मायके से आता है वया ससुराल में सास बहू के लिए सरगही का आयोजन करती हैं, तो मायके से वया बन कर आता है। सुमन चौहान बताती हैं कि बहू के मायके से खाने का सामान आता है। जिस तरह सरगही में मिठाई के साथ तमाम चीजें होती हैं, उसी तरह वया में भी मां-बाप अपनी बेटी की पसंद की चीजें भेजते हैं।

Posted By: Inextlive