RANCHI: रिम्स पेडियाट्रिक वार्ड में इलाज के दौरान एक दस वर्षीया बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं, बच्ची की मौत के बाद शव ले जाने के लिए भी ट्राली नहीं दी गई। ऐसे में परिजन शव को कंधे पर लादकर लाए और इमरजेंसी गेट पर ही रखकर जाम कर दिया। परिजनों का कहना है कि अगर बच्ची का ठीक से इलाज किया जाता तो उसकी जान बच जाती। लेकिन डॉक्टरों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।

क्या है मामला

गढ़वा के रहने वाले योगेंद्र कुमार की दस साल की बेटी जैसमीन को बुखार, जांडिस के साथ ही खून की कमी भी थी। इस वजह से उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। स्थिति खराब होती देख परिजन उसे लेकर 24 अप्रैल को रिम्स पहुंचे। जहां पेडियाट्रिक वार्ड के डॉ। एके वर्मा की यूनिट में उसका इलाज शुरू किया गया। डॉक्टर ने टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही इलाज करने की बात कहीं। ऐसे में बच्ची का प्रॉपर इलाज नहीं हो सका। गुरुवार की सुबह बच्ची ने दम तोड़ दिया।

वर्जन

ऐसी कोई बात नहीं है। डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज किया। उसकी हालत ठीक नहीं थी तो मौत हो गई। अब परिजन हंगामा करने लगे तो क्या किया जा सकता है। मामला शांत कराकर उन्हें भेज दिया गया है।

-डॉ। गोपाल श्रीवास्तव, डीएस, रिम्स

Posted By: Inextlive