हौसले से हार गया हिमालय
- नारी शक्ति के लिए बड़ा उदाहरण है मेरठ की बेटी
-पर्वतारोहण में तूलिका ने हासिल किया बड़ा नाम Meerut : पुरानी कहावत है 'जहां चाह, वहां राह.' यह जागृति विहार में रहने वाली होनहार बेटी तूलिका पर बिल्कुल सटीक बैठती है। मेरठ की रहने वाली तूलिका रानी आज नारी शक्ति के लिए बड़ी मिसाल है। तूलिका की जिद और प्रबल इच्छाशक्ति के सामने एशिया का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी भी बौना साबित हुआ। इस बेटी ने दुनिया के सबसे दुर्गम ईरान और मध्य-पूर्व एशिया के अल्बोर्स माउंटेन रेंज की सबसे ऊंची चोटी समेत एशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी दामावंद पर तिरंगा लहरा दिया। कई चोटियों को जीतापर्वतारोही तूलिका रानी का जुनून किसी भी इंसान में जोश भर दे। वायुसेना के स्क्वॉड्रन लीडर पद से सेवानिवृत्ति होने के बाद उसने पर्वतारोहण में कई कीर्तिमान स्थापित किए। इसी साल तूलिका ने तंजानिया स्थित अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंचे पर्वत किलिमंजारो की चोटी फतह की। यूपी की यह बेटी अब तक माउंट एवरेस्ट की कई चोटियों को फतह कर चुकी हैं। उन्होंने ईरान माउंटेनियरिंग फेडरेशन की ओर से 21 से 31 जुलाई तक आयोजित इंटरनेशनल क्लाइंबिंग मिशन पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। मिशन में तूलिका समेत कुल सात अन्य महिला पर्वतारोही भी थीं। तूलिका 8848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट समेत दुनिया की कई ऊंची चोटियों पर सफलतापूर्वक अपना अभियान पूरा कर चुकी हैं।
ये हैं उपलब्धियां -रिटायर्ड इंडियन एयरफोर्स ऑफिसर, स्क्वाडर्न लीडर - 2016 फरवरी में माउंट किलीमनजारो, जो अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है, की चढ़ाई कर चुकी है। - 27 जुलाई 2015 को माउंट किलिमंजारो (5671 मीटर) को फतह किया। - 23 जुलाई 2015 को माउंट तोछल, ईरान 3965 मीटर ऊंची चोटी को किया फतह। - 27 अगस्त 2014 को हिमाचल प्रदेश की बेनाम चोटी वर्जिन पिक को किया फतह। - माउंट एवरेस्ट 8848 मीटर ऊंची चोटी की चढ़ाई। - 2012 में यूपी की पहली ऐसी वूमेन थी, जिसने एवरेस्ट की 6137 मीटर चढ़ाई की। - 2011 में विंटर ट्रेनिंग कैंप जनवरी 3750 मीटर सियाचिन ग्लेशियर पर पहुंची। - 2010 में माउंट ससेर कांगरी, लेह 7672 मीटर को फतह किया। - 2010 अप्रैल में माउंट कामेट 7757 मीटर को 6520 मीटर तक फतह किया। - 2009 अगस्त में विंटर ट्रेनिंग कैंप सियाचिन ग्लेशियर, माउंट भागीरथी द्वितीय 6137 मीटर माउंट स्टॉक कजरी, लेह को किया फतह।गर्ल्स किसी से भी कम नहीं हैं। वे अपने पैशन को फॉलो करें और अपनी क्षमताओं का सौ फीसदी उपयोग करें। मेहनत बेकार नहीं जाती, कभी न कभी 'रंग' जरूर लाती है।
-तूलिका रानी प्रोफाइल नाम : तूलिका रानी जन्म : 01 अप्रैल 1984 एजूकेशन : बीएससी, एमए प्रोफेशन : रिटायर्ड स्क्वॉड्रन लीडर प्रेरणाश्रोत : बचेंद्री पाल (माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला) हॉबी : एडवेंचर स्पोर्ट्स पर लेखन, ट्रेवलिंग