ऑफिसर के घर बाल मजदूरी
टास्क फोर्स ने की छापेमारी
आफिसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज देहरादून। राजस्व विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रेम प्रकाश आर्या के घर बाल मजदूरी करती नाबालिग को छापेमारी कर रेस्क्यू किया गया। सैटरडे को बाल आयोग, लेबर डिपार्टमेंट, चाइल्ड लाइन और सीडब्ल्यूसी की टीम संयुक्त रूप से जीएमएस रोड स्थित मिलन विहार की ऑफिसर्स कॉलोनी पहुंची। जहां छापेमारी के बाद नाबालिग लड़की को बाल मजदूरी करते हुए रेस्क्यू कर ऑफिसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। -- टास्क फोर्स ने ली आयोग की मददटास्क फोर्स को ऑफिसर के घर बाल मजदूरी की सूचना मिली तो वे इसलिए घबरा गए कि मामला अफसर के घर का था। उनकी ओर से बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी से संपर्क कर साथ चलने को कहा गया। आयोग की अध्यक्ष ने चुपचाप छापेमारी की प्लानिंग की और सैटरडे को सीधे सबको मौके पर पहुंचने को कहा। टीम वहां पहुंची तो बालिका एकदम चुप थी। इसके बाद आयोग की ओर से नाबालिग से अलग से बात की गई। साथ ही अफसर और उनकी पत्नी से भी अलग से बात की।
-- इसलिए लाए घरऑफिसर की वाइफ सरकारी स्कूल में टीचर है। उन्होंने बताया कि नाबालिग की मां बेहद गरीब है। उसके पांच बच्चे हैं। ऐसे में जब मां ने इतने बच्चों को न पाल पाने की मजबूरी जताई तो वह इस 12 वर्षीय बच्ची को अपने साथ ले आई। बताया कि नाबालिग को स्कूल भी भेजा जाता है। बताया कि बच्ची को एक साल से घर पर रखा है जबकि बच्ची से पूछा गया तो उसने बताया कि वह दो साल से यहां रह रही है। टास्क फोर्स को मिली शिकायत के अनुसार नाबालिग से घर को सारा काम कराया जाता है।
-- दर्ज कराई एफआईआर टास्क फोर्स नाबालिग बच्ची को रेस्क्यू कर सीधे बसंत विहार थाने ले गई। जहां अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। साथ ही बालिका को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया। जहां से नाबालिग को शेल्टर होम में भेजा जाएगा। -- शासन के आदेशों का पालनकुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शासन स्तर से ये आदेश किए गए थे कि शासन के सभी अधिकारी-कर्मचारी इस बात का ध्यान रखें कि उनके घर पर कोई भी बाल मजदूरी न करता हो। यदि ऐसा होता है तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जिसके बाद बाल आयोग की मदद से टास्क फोर्स की ये पहली कार्रवाई थी। जिसके माध्यम से ये संदेश भी दिया गया है कि अधिकारी अपने विभागों के आदेशों का सख्ती से पालन करें।
-- अफसर हो या कर्मचारी, कोई भी अपनी सुविधा को देखते हुए यूं बच्चों को घर में नहीं रख सकता। इस पर कार्रवाई जारी रहेगी। ऊषा नेगी, अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग