RANCHI: सिटी पर होने वाले साइबर अटैक के मामलों में सबसे ज्यादा निशाना महिलाओं और बच्चों को बनाया जा रहा है। साइबर अटैकर्स जो डाटा कलेक्ट कर रहे हैं उनमें खास तौर पर महिलाओं के दस्तावेज रहते हैं। यह खुलासा हाल में हुए साइबर फ्राड की गिरफ्तारियों से हुई है। देवघर पुलिस ने ईटकी के पप्पू दास को मंगलवार की रात गिरफ्तार किया है जिसके पास से रांची की कई महिलाओं और नाबालिग स्टूडेंट्स के डाटा बरामद हुए हैं। इधर महिलाओं और बच्चों को साइबर फ्राड से सेफ करने के लिए पुलिस भी सख्त रणनीति बनाने में लगी है। केंद्र सरकार की साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वूमन एंड चिल्ड्रेन(सीसीपीडब्लूसी) योजना पर राज्य में काम तेज कर दिया गया है।

--1 करोड़ 81 लाख 92 हजार 500 रूपये होंगे सीसीपीडब्लूसी पर खर्च।

-- 1.64 करोड़ रुपए से साइबर फोरेंसिक लैब का होगा निर्माण

--1.5 करोड़ महिलाओं की साइबर सेफ्टी का प्लान तैयार

--10 लाख से उपर राजधानी की महिलाएं होगी सुरक्षित

--20 से ज्यादा साइबर केस हर माह जुड़ रहे फाइलों में

--18 बेहतरीन हाईटेक उपकरण पासवर्ड क्रैकिंग टूल, सीडीआर विश्लेषण यंत्र, हार्ड डिस्क इमेजिंग गैदरिंग साफ्टवेयर, मोबाइल फोरेंसिक व डाटा रिकवरी टूल रहेंगे मौजूद।

--महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराध से संबंधित ट्रेनिंग की तैयारी

--साइबर सेफ्टी की टिप्स और पुलिस के साथ तालमेल से लगेगा ब्रेक

--गृह विभाग ने दी मंजूरी, अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह जारी किए हैं आदेश

--डीजीपी केएन चौबे के ट्रांसफर के बाद अब एमवी राव होंगे नियंत्री

-- झारखंड पुलिस में कैपासिटी बिल्डिंग का काम होगा तेज

--एफएसएल के अधीन अलग से साइबर फोरेंसिक लैब व ट्रेनिंग कैंप

-- लैब के खुलने के साथ साइबर फ्राड मामलों की जांच पकड़ेगी स्पीड

--सोशल साइट, मोबाइल फोन पासवर्ड से लेकर इंटरनेट हैकिंग लॉक तक होंगे ब्रेक

--डीजीपी के द्वारा योजना में पैसे की निकासी के लिए व्ययन पदाधिकारी किए जाएंगे नियुक्त

--योजना की स्वीकृत राशि को दूसरे योजना में न लगाने के सख्त निर्देश

--कार्यान्वयन एजेंसी किसी भी तरह की अनियमितता के लिए उत्तरदायी, जाएंगे जेल।

--गलत भुगतान के लिए निकासी व व्ययन पदाधिकारी पर जिम्मेदारी तय जिम्मेवार होंगे।

Posted By: Inextlive