-बीएचयू में पुलिस के धरनास्थल से एक स्टूडेंट को छेड़खानी के मामले में उठाने पर विरोध में उतरे कुछ छात्र-पुलिस से छोड़ने का बनाया दबाव छात्राओं को आंदोलन खत्म करने की दी धमकी

VARANASI

एक तरफ बीएचयू गेट पर छात्राओं का धरना जारी था। उधर कुछ वीसी समर्थक स्टूडेंट्स वीसी जिंदाबाद का नारा लगाते हुए छात्राओं को गाली देने लगे। यह वाकया तब शुरू हुआ जब पुलिस ने धरनास्थल से एक स्टूडेंट को पूर्व में हुई छेड़खानी के मामले में उठा लिया। अभी तक छात्राओं का समर्थन कर रहे स्टूडेंट्स के एक गुट को यह बात नागवार गुजरी। उन्होंने लड़कियों को आंदोलन खत्म करने की धमकी दी और स्टूडेंट को पुलिस से छुड़ाने का दबाव बनाने लगे। छात्राओं के यह कहने पर कि उन्हें नहीं पता है किसको पुलिस ने उठाया है। इसके बाद तो वे गाली गलौज पर उतर आये और उन्हें देख लेने की धमकी देते हुए चले गए। तकरीबन आधे घंटे बाद वे आधा दर्जन बाइक पर सवार होकर वीसी जिंदाबाद का नारा लगाते हुए दोबारा आये और धरना दे रही छात्राओं के साथ गाली गलौज करने लगे। बीएचयू सूत्रों का कहना है कि ये छात्र बीएचयू प्रशासन से संचालित होते हैं और छात्राओं के आंदोलन को दूसरी ओर मोड़ने की यह प्रशासन की चाल है।

 

चिलचिलाती धूप भी न तोड़ सकी हौसला

सुबह से ही धरना दे रही छात्राओं के हौसले को चिलचिलाती धूप भी नहीं तोड़ सकी। सुबह से रात हो गयी पर वे अपनी जगह पर डटी रहीं। एक थक जाती तो दूसरी बोलने लगती दूसरी के बाद तीसरी। खास बात यह रही कि इस पूरे आंदोलन में कोई लीडर नहीं था। हर लड़की अपने आप में एक लीडर थी और उनकी एकता भी अपने आप में मिसाल। प्यास और गर्मी की परेशानी को दरकिनार कर उन्होंने पूरे जोश से आंदोलन काे जारी रखा।

 

वीसी आ जाते तो बन जाती बात

बीएचयू में हो रहा धरना प्रदर्शन कुछ ही देर बाद खत्म हो जाता यदि बीएचयू के वीसी प्रो। गिरीश चंद्र त्रिपाठी छात्राओं की बात सुनने बीएचयू गेट पर पहुंच जाते। पर वीसी छात्राओं से मिलने क्यों नहीं पहुंचे यह बात लोगों के गले नहीं उतरी। यहां तक कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने भी वीसी को सिंहद्वार पर बुलाने की बहुत कोशिश की पर वे नहीं आये। वीसी के धरना स्थल पर न पहुंचने का असर रहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी को अपना रास्ता बदलना पड़ा। डीएलडब्ल्यू से दुर्गाकुंड के अपने निर्धारित कार्यक्रम में तहत उन्हें लंका चौराहे से होकर जाना था पर उनका काफिला साकेत नगर की ओर मुड़ गया। धरना दे रही छात्राओं ने चेतावनी दी थी कि वे पीएम का काफिला रोकेंगी

 

अश्लील इशारे करते हैं लड़के

आंदोलन कर रहीं छात्राओं का आरोप था कि हॉस्टल की खिड़कियों पर लड़के पत्थर में लेटर बांधकर फेंकते हैं। खिड़कियों पर खड़ा होने पर लड़कियों को अश्लील इशारे करते हैं। आरोप लगाया कि कैंपस में ही लड़के फिजिकली एब्यूज कर रहे हैं, कपडे़ फाड़ने की धमकी तक दी जाती है। आरोप लगाया कि गुरुवार की घटना के बाद उनको खामोश रहने की चेतावनी दी गई है। यह भी कहा कि सर्कुलर भी जारी किया गया है कि शाम छह बजे के बाद सुबह में अंधेरे तक लड़कियां ना निकलें। इसको लेकर छात्राओं ने सवाल उठाया कि ये कैसी आजादी है। कहा कि छेड़खानी की घटना पर अधिकारी पहनावे का दोष देते हैं।

 

एक के खिलाफ एफआईआर

इधर पीडि़ता की शिकायत पर बीएचयू के प्रॉक्टोरियल बोर्ड की ओर से लंका थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है। चीफ प्रॉक्टर प्रो। एन सिंह ने बताया कि पीडि़ता ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया है। अभी उनके पास एफआईआर की कॉपी नहीं पहुंची है।

Posted By: Inextlive