राजधानी के आसपास स्थित रूरल एरियाज से लड़कियां गायब हो रही हैं.

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RANCHI: राजधानी के आसपास स्थित रूरल एरियाज से लड़कियां गायब हो रही हैं। अनुसंधान में लगे पुलसिकर्मियों का दावा है कि ये लड़कियां अपनी मर्जी से घर छोड़कर निकल रही हैं। आशंका जतायी जा रही है कि नक्सलियों का भय व लेवी के रुपए का लालच इन लड़कियों को संगठन में शामिल होने पर मजबूर कर रहा है। हाल के दिनों में एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान पुलिस को साफ जानकारियां मिली हैं कि नक्सलियों के सपोर्ट सिस्टम में युवा लड़कियां और बच्चे काम कर रहे हैं। इन्हें हथियार के बल पर जबरन संगठन में शामिल किया जा रहा है। हालांकि, नक्सलियों द्वारा कई लड़कियों को ट्रैप कर प्यार का झांसा दिया जा रहा है और बाद में संगठन में शामिल कर लिया जा रहा है।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क भी एक्टिव
पुलिस की छानबीन में जो खुलासे हुए हैं, उसके अनुसार रूरल एरियाज में रहने वाली गरीब घरों की लड़कियां कई बार काम के सिलसिले में भी ह्यूमन ट्रैफिकिंग में फंस रही हैं। इन ट्रैफिकर्स का सीधा सम्पर्क नक्सलियों और उग्रवादियों से है।

खौफ में परिजन, कैसे करें कंप्लेन
लोगों की मानें तो ये वैसे मामले हैं जो पुलिस के समक्ष आ चुके हैं लेकिन कई मामले ऐसे भी हैं जिनमें परिजनों को डरा धमकाकर चुप करा दिया गया है। नक्सलियों की धमकी के आगे बेबस लोगों ने पुलिस के पास अपनी बेटी-बहू की गुमशुदगी की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कराई है।

बच्चे व महिलाएं सॉफ्ट टारगेट
नक्सलियों के सॉफ्ट टारगेट पर बच्चे और महिलाएं हैं। इन्हें संगठन में शामिल कर हथियार ढोने और खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस के लगातार ऑपरेशन के कारण नक्सलियों को महफूज ठिकाना नहीं मिल पा रहा, जिसके कारण वे लोग इन महिलाओं और बच्चों को आगे रख रहे हैं। पूर्व में भी लोहरदगा जिला से बच्चों की गुमशुदगी का मामला उजागर हो चुका है।

युवतियों का होता है यौन शोषण
पुलिस गिरफ्त में आने वाली लड़कियों ने खुलासा किया है कि उनका साथ संगठन के ओहदेदार और अन्य नक्सलियों द्वारा यौन शोषण किया जाता रहा है। एक लड़की को कई नक्सलियों के साथ संबंध बनाने के लिए मारा पीटा जाता है। एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान भी पुलिस को कई बार यौन शक्ति बढ़ाने वाली गोलियां और कंडोम्स बरामद हुए हैं।

नक्सलियों के खिलाफ लगातार पुलिस ऑपरेशन के कारण संगठन पूरी तरह कमजोर हो गया है। लड़कियां और बच्चे उनके साफ्ट टारगेट जरूर हैं, लेकिन स्थानीय लोग यदि पुलिस को सहयोग करें तो जल्द ही नक्सलियों का खात्मा किया जा सकता है।
आरके मल्लिक, एडीजी ऑपरेशन

Posted By: Inextlive