Lucknow: ग्रुप में शामिल होकर हाथ में जाम लेकर किसी लाऊंज में बैठकर मस्ती करना अब सिर्फ ब्वायज का ही शगल नहीं रह गया है. बात फन की हो तो यंगस्टर्स के लिए सब कुछ जायज है. बिना ड्रिंक्स के पार्टी क्या? ब्वायज में पहले से ही यह जुमला आम है लेकिन अब गर्ल्‍स भी पीछे नहीं है. डिस्को पार्टीज हों या फिर दोस्तों के बीच बैठकर मस्ती टाइम. गर्ल्‍स के हाथ में उनके फेवरट ड्रिंक्स दिखना अब आम बात हो गई है. यही वजह है कि रिहैब सेंटर में अब पैरेंट्स लड़कियों में ऐसी आदत की शिकायत लेकर आ रहे हैं.

दिन में जम रहा है रंग

ड्रिंक लेने वाली गर्ल्स की महफिल डे पार्टी में जम रही है। स्कूल के बहाने, फ्रेंड से मिलने के बहाने या फिर शॉपिंग के बहाने गर्ल्स इन पार्टीज में शामिल हो रही हैं। यही वजह कि शहर में अब डे पार्टीज का क्रेज बढ़ता जा रहा है क्योंकि पार्टी में जाने वाला टीन एज ग्रुप को अभी पार्टी में शामिल होने की पूरी तरह से आजादी नहीं.

पीने के लिए कोडवर्ड

फुल लेनी है तो गर्ल्स में कोडवर्ड है खंबा (750) एमएल। अध्धी (375) एमएल, क्वार्टर (180) एमएल और बच्चा (90) एमएल का। आमतौर पर गर्ल्स के लिए यह भाषा काफी अंजान सी होगी, लेकिन शहर में ड्रिंक की शौकीन गर्ल्स के लिए यह कोई अजूबा नहीं। यह उनके कोड वर्ड हैं जो पीने के लिए यूज किये जा रहे हैं.

ये है गर्ल्स की पंसदीदा ड्रिंक्स

क्लीयर ड्रिंक्स इन दिनों गर्ल्स की फेवरेट ड्रिंक्स हैं। व्हाइट रम बकार्डी, सिमरनऑफ, टकीला के अलावा ब्रीजर्स भी गर्ल्स के लिए सर्व किये जा रहे हैं। इनमें खास बात यह है कि यह ड्रिंक्स बजट में फिट हो जा रहे हैं और लाइट होते हैं।

ज्यादातर हास्टलर्स

हास्टल्स, पीजी में रहने वाली या फिर शेयरिंग में एक साथ मिलकर रहने वाली ज्यादातर गर्ल्स ही हैं। क्योंकि अल्कोहल की स्मेल से लोगों को पता चल जाता है सो पीकर घर जाने वाली लड़कियों की संख्या अभी भी कम है। लेकिन जो अपने घरों से दूर हैं वो पार्टी तो क्या उन्हें तो बस पीने का बहाना चाहिए.

क्या कहती हैं गर्ल्स

अदिति बताती हैं कि हम अपने ग्रुप के साथ मंथ में एक बार तो एक साथ बैठते ही हैं। इसके लिए हम किसी लाऊंज को ही चुनते हैं। आपस में कंट्रीब्यूट करते हैं और फिर घंटों पूरा ग्रुप एंज्वाय करता है। उस वक्त हम ड्रिंक भी करते हैं.

ब्वायफ्रेंड पे करता है

अवध गर्ल्स से ही बीए फस्र्ट ईयर कर रहीं मधुलिका का कहना है कि मैं पार्टी में 600 हन्ड्रेड तक लिकर के लिए पे करती हूं। जहां तक सवाल मनी का है तो इसके लिए पाकेट मनी ही काम आती है। हां, अगर ब्वायफ्रेंड साथ है तो फिर हमारा कोई खर्चा नहीं।

3 से 4 पैग तो हो ही जाता

एमिटी से मास कॉम कर रहीं नताशा ने बताया कि कॉलेज में जाते ही उन्होंने पार्टीज में ड्रिंक करना शुरू किया था। नताशा बिंदास होकर बोलती हैं कि वीक में तीन पार्टी और हर पार्टी में 3 से 4 पैग तो हो ही जाते हैं। वैसे मुझे सबसे बेस्ट वोदका का शॉट लगता है।

बिना ड्रिंक के मजा नहीं

अवध कॉलेज में पढऩे वाली ऊषा कहती है उन्हें कॉकटेल पीना पसंद है। ड्रिंक के बाद डांस करने का मजा दो गुना हो जाता है। आजकल तो सभी गर्ल्स ड्रिंक कर रही हैं, मेरे फ्रेंड सर्किल में तो सभी करती हैं। अब पार्टी में गये हैं, तो बिना ड्रिंक के मजा कहां?

क्या कहते हैं पार्टी ऑर्गनाइजर

पार्टी ऑर्गनाइजर फजल रसूल कहते हैं कि मैं 2006 से पार्टी आर्गनाइज कर रहा हूं और लड़कियों में पीने का चलन हर साल बढ़ता जा रहा है। पहले पार्टी में पीने वाली गर्ल्स की परसेंटेज 20 थी, तो अब 70 हो गई है। इन दिनों गर्ल्स लिकर लेने में कोई बुराई नहीं समझतीं। पार्टीज में भी गर्ल्स के टेस्ट का खास ख्याल रखा जाता है। उनके लिए लाइट ड्रिंक्स सर्व किये जाते हैं। वहीं जीरो डिग्री के एमडी अन्नू यादव कहते हैं कि लड़कियों को सबसे ज्यादा पसंद टीकला ड्रिंक होता है। सटरडे और संडे को जब पार्टी आर्गनाइज होती हैं तो पीने वाली लड़कियों की कमी नहीं रहती है। लेकिन उनकी सेफ्टी के लिए बाउंसर रखे गए हैं। जिससे कोई बदतमीजी न हो सके।

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक

केजीएमसी के मनोचिकित्सक डॉ हरजीत सिंह कहते हैं कि आज की जेनरेशन में जो मां पिता के साथ कम्यूनिकेशन गैप है उसकी वजह से ही इस तरह की आदतें बच्चों में बढ़ रही हैं। कई बार मेरे पास ऐसी महिलाएं भी आती हैं जो इन आदतों को छोडऩा चाहती हैं, लेकिन नहीं कर पा रही हैं। पूरा परिवार बिखर जाता है ऐसे में। नोट- सभी गर्ल्स और ब्वायज के नाम बदले हुए हैं

 

Posted By: Inextlive