भारत और चीन दोनों देश अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में झड़प के बाद तेजी से पीछे हट गए। इस पर अमेरिका ने खुशी जाहिर की है। बतादें कि भारत-चीन संघर्ष के दाैरान भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया।


वाशिंगटन (एएनआई)। तवांग में भारत-चीन संघर्ष पर अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मंगलवार को व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि "हमें खुशी है कि दोनों पक्ष संघर्ष से जल्दी से अलग हो गए हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों का उपयोग करने के लिए भारत और चीन को प्रोत्साहित कर रहे हैं।"अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में शुक्रवार को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में दोनों पक्षों के कर्मियों को मामूली चोटें आईं। आमने-सामने के क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की संख्या से अधिक है। भारतीय सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार
वहीं इस संबंध में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में चीनी सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करने से बहादुरी से रोका। हमारी सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार है। वहीं न्यूज एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फैंट्री सहित तीन अलग-अलग बटालियनों से संबंधित सैनिक पिछले हफ्ते झड़प के स्थान पर मौजूद थे, जब चीनियों ने क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी। झड़प के लिए चीनी क्लब, लाठियों और अन्य उपकरणों से लैस थे। भारतीय सैनिक भी संघर्ष के लिए तैयार थे क्योंकि वे विरोधी के इरादों को जानते थे।

Posted By: Shweta Mishra