बसों में सफर पर जाएं कैश भूल जाएं
3 बस अड्डे राजधानी में
2 हजार से अधिक बसों का संचालन 85 हजार यात्री करते हैं सफर - रोडवेज बसों में जल्द मिलेगी डेबिट-क्रेडिट कार्ड और मोबाइल से टिकट भुगतान की सुविधा - टिकट बनाने वाली मशीनों में हो रहा बदलाव, बटन वाली मशीनों की जगह आ रही हैं टच स्क्रीन मशीनें LUCKNOW: जल्द ही रोडवेज बसों में सफर के दौरान पैसेंजर्स को न चिल्लर की फिक्र होगी और ना ही उन्हें अपने साथ कैश लेकर चलना होगा। वे टिकट का भुगतान डेबिट-क्रेडिट कार्ड या फिर मोबाइल फोन से भी कर सकेंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। जल्द ही टच स्क्रीन मशीनें कंडक्टर्स को उपलब्ध कराई जाएंगी। लखनऊ परिक्षेत्र में ये मशीनें पहुंच चुकी हैं। बदली जाएंगी टिकटिंग मशीनेंरोडवेज के अधिकारियों के अनुसार लखनऊ परिक्षेत्र में कंडक्टर के हाथ में नजर आने वाली टिकटिंग मशीनें बदली जाएंगी। अभी तक कंडक्टर पैसेंजर्स का टिकट बनाने के लिए बटन वाली मशीनों का यूज करते हैं लेकिन अब टच स्क्रीन मशीनें आ रही हैं। इन मशीनों के आने से जहां कंडक्टर घालमेल नहीं कर सकेंगे वहीं पैसेंजर्स को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी।
अपलोड होगा सॉफ्टवेयरअभी रोडवेज की बसों में सफर करने पर टिकट के लिए कैश या फिर उनके यहां चलने वाले स्मार्ट कार्ड से टिकट का भुगतान किया जाता है। टच स्क्रीन मशीनों में नया सॉफ्टवेयर अपलोड किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर अपलोड होने के बाद पैसेंजर्स डेबिट-क्रेडिट या फिर मोबाइल फोन से भी टिकट का भुगतान कर सकेंगे।
चिल्लर का झंझट खत्म अभी रोडवेज बसों में खुले पैसों को लेकर पैसेंजर्स और कंडक्टर के बीच आए दिन नोकझोंक की शिकायतें आती हैं। टिकट के लिए लोगों को जब डिजिटल प्लेटफॉर्म मिलेगा तो यह समस्या भी खत्म हो जाएगी। नहीं होगा खेल कई बार बस अड्डे से टिकट मशीन लेकर निकलता कोई है और बस में ड्यूटी कोई और करता है। इस खेल को खत्म करने के लिए इन नई मशीनों में मोबाइल की तर्ज पर फेस लॉक सिस्टम होगा। संबंधित कंडक्टर का फेस देखते ही ये मशीनें खुलेंगी। किसी भी तरह की गड़बड़ी पर जवाबदेही संबंधित कंडक्टर की ही होगी। कराई जाएगी ट्रेनिंग फिलहाल लखनऊ परिक्षेत्र को 2300 टच स्क्रीन मशीनें मिली हैं। जल्द ही कंडक्टर्स को इसकी ट्रेनिंग करवाई जाएगी। इन मशीनों को चारबाग, कैसरबाग, आलमबाग, अवध, उपनगरीय, बाराबंकी और रायबरेली बस डिपो में वितरित की जाएंगी।टच स्क्रीन मशीनों में कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं। इन मशीनों के आने से लोग डेबिट-क्रेडिट कार्ड या फिर मोबाइल से टिकट की राशि का भुगतान कर सकेंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर अपडेट करने को कहा गया है।
पल्लव बोस, आरएम लखनऊ परिक्षेत्र, परिवहन निगम