योगी कैबिनेट का फैसला 60 अंकों की होगी परीक्षा शैक्षिक प्रमाणपत्र पर 40 अंक। 1.37 लाख बेसिक टीचर किए जाने हैं भर्ती। शिक्षामित्रों को वेटेज का लाभ अधिकतम 25 अंक का वेटेज। 40000 शिक्षामित्रों को फायदा पहले पास करना होगा टीईटी।

LUCKNOW (26 Sept):

टीईटी के बाद रिटेन, तब बनेंगे गुरुजी

राज्य सरकार जल्द ही 1.37 लाख बेसिक टीचर्स की भर्तियां करने जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने उप्र. बेसिक शिक्षा अध्यापक नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी. तय हुआ कि बेसिक टीचर्स की भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर होगी. परीक्षा 60 अंकों की होगी जबकि शेष 40 अंक पुराने शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर मिलेंगे। लिखित परीक्षा में वे लोग ही शामिल हो सकेंगे जिन्होंने टीईटी की परीक्षा पास कर ली हो. वहीं कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए शिक्षामित्रों को वेटेज का लाभ दिया जाएगा।

 

40 हजार शिक्षा मित्रों को फायदा

राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इसका फायदा करीब चालीस हजार शिक्षा मित्रों को मिल सकता है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में उनके वेटेज का भी ध्यान रखा है. वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक शिक्षा मित्रों को 2.5 अंक प्रति वर्ष का वेटेज तो मिलेगा लेकिन, इसकी सीमा 25 अंकों से ज्यादा नहीं होगी. टीचरों की भर्ती की प्रक्रिया दिसंबर माह में शुरू की जा सकती है. दरअसल अगले माह टीईटी की परीक्षा होनी है और नवंबर में उसका रिजल्ट आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का संकल्प बेसिक शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाना है ताकि बच्चों को शुरुआत में अच्छी शिक्षा देकर उनकी नींव मजबूत की जा सके।

 

काबिल टीचर होंगे भर्ती

राज्य सरकार के इस कदम के बाद बेसिक शिक्षा में काबिल टीचरों की भर्ती की जा सकेगी. इससे पहले मेरिट के आधार पर टीचरों का चयन होता था, लिखित परीक्षा के आधार पर भर्तियां होने से नकल की प्रवृत्ति पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी और शिक्षा का स्तर सुधरेगा. इस कवायद के जरिए राज्य सरकार जहां टीचरों की भर्ती कर सकेगी तो वहीं आंदोलन कर रहे शिक्षा मित्रों को राहत देने से उनका गुस्सा भी शांत किया जा सकेगा. हालांकि दोबारा टीईटी की परीक्षा देने की बाध्यता इसमें थोड़ा अड़ंगा भी डाल सकती है।

 

गरीबों के बच्चों को पढ़ाना जरूरी

कैबिनेट ने उप्र नि:शुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 की नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है. राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सबको शिक्षा देने के उद्देश्य से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जाएगी. ऐसे स्कूलों को 25 फीसद गरीब बच्चों को शिक्षा देने का अपना कोटा हर हाल में पूरा करना होगा. स्कूलों में एडमिशन के लिए परिधि के मानक राज्य सरकार तय करेगी. साथ ही बेसिक स्कूलों का नये सिरे से आंकलन भी किया जाएगा।

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक शिक्षा मित्रों को 2.5 अंक प्रति वर्ष का वेटेज तो मिलेगा लेकिन, इसकी सीमा 25 अंकों से ज्यादा नहीं होगी. टीचरों की भर्ती की प्रक्रिया दिसंबर माह में शुरू की जा सकती है।

-अनुपमा जायसवाल, बेसिक शिक्षा मंत्री

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Posted By: Chandramohan Mishra