मालगाड़ी का खुला गेट प्लेटफॉर्म से टकराया, टला बड़ा हादसा
धनबाद: धनबाद रेल मंडल के गढ़वा रोड जंक्शन रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को बड़ी दुर्घटना टल गयी। मुगलसराय की ओर से बरवाडीह की ओर जा रही मालगाड़ी का खुला दरवाजा तीन नंबर प्लेटफॉर्म से टकरा गया। इस हादसे में मालगाड़ी के इंजन से चौथी बोगी डिरेल्ड हो गयी और उसके कल-पुर्जे ट्रैक पर बिखर गये। घटना जिस समय हुई, उस समय तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भारी भीड़ थी। मालगाड़ी की स्पीड कम थी। इसलिए बड़ा हादसा होने से बच गया।
10 मिनट पहले खुली थी पैसेंजरजानकारी के अनुसार, डेहरी ऑन सोन से बरवाडीह तक चलने वाली शटल पैसेंजर ट्रेन गढ़वारोड स्टेशन से सुबह 9.05 बजे खुली थी। ठीक 9.15 बजे मुगलसराय की ओर से आ रही खाली मालगाड़ी तीन नंबर प्लेटफॉर्म के होम सिग्नल पर धीरे धीरे आ रही थी। जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंची, उसके इंजन की चौथी बोगी से प्लेटफॉर्म में जोरदार रगड़ हुई। करीब 10 मीटर तक बोगी रगड़ाती चली गयी। बाद में नियंत्रण हटने पर पलट गयी।
यात्रियों में मची अफरातफरीघटना के बाद यात्रियों में अफरातफरी मच गयी। सूचना पर स्टेशन प्रबंधक सतीश कुमार मौके पर पहुंचे। बाद में बरवाडीह से रेलवे की एक टीम भी वहां पहुंच गयी। एसएम ने बताया कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो पायेगी।
बैलेंस बिगड़ने पर हुआ हादसा इधर, रेलवे के सूत्रों के अनुसार खाली मालगाड़ी रहने के कारण उसका ऊपरी हिस्सा हल्का होता है, जबकि नीचे वाला भारी। जब बोगी प्लेटफॉर्म से टकरायी होगी तो बैलेंस नहीं बना। नतीजतन, हादसा हुआ। रेलवे के चालक और गार्ड के अनुसार चौथी बोगी का दरवाजा खुला रहना हादसे का कारण नजर आता है। हादसे में उक्त बोगी का दरवाजा टूटकर गिर गया था। ऐसे भी बोगी और प्लेटफॉर्म के बीच ज्यादा गैप नहीं होता। दरवाजा खुला रहने पर हादसे को बल मिला। लापरवाही से इनकार नहीं इस दुर्घटना को देखकर इसके पीछे लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता। जब भी एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के लिए मालगाड़ी खुलती है तो संबंधित खुलने वाले स्टेशन पर यह जांच की जाती है कि बोगी का दरवाजा या फिर अन्य हिस्सा ठीक से बंद है या नहीं। इस घटना से पहले अगर इस संबंध में जांच की गयी होती तो शायद यह हादसा नहीं होता। दो घंटे परिचालन बाधितइस दुर्घटना के कारण दो घंटे तक परिचालन पर असर पड़ा। 9.15 बजे पूर्वाहन 11.20 बजे तक परिचालन पर असर पड़ा। हालांकि जिस जगह हादसा हुआ, वहां अक्सर गुड्स ट्रेनों को ही लगाया जाता है।