इंटरनेट कंपनी क्लिक करें गूगल ने अपने बहुप्रतिक्षित क्लिक करें 'स्मार्ट ग्लासेज़' यानी 'स्मार्ट चश्मे' को एक वीडियो के ज़रिए आम लोगों के बीच पेश किया है.


कंपनी चाहती है कि तकनीक क्षेत्र के उत्साही और चुनिंदा लोग क्लिक करें गूगल 'स्मार्ट ग्लासेज़' के प्रारूप को परखें और उस पर अपने सुझाव दें.कंपनी द्वारा क्लिक करें यू-ट्यूब पर अपलोड किए गए उनके नए वीडियो में गूगल द्वारा बनाए गए 'स्मार्ट चश्मे' के प्रारुप को कई तरह के काम करते हुए दिखाया गया है. इसमें उस क्षेत्रफल को भी दिखाया गया है जो इस चश्मे को पहनने वाले की दृष्टि में बनेगा.ये चश्मा न सिर्फ अपने पहनने वाले के नज़रिए से तस्वीरें खींचेगा बल्कि क्लिक करें स्मार्टफोन की तरह उन तस्वीरों और वीडियो पर कई तरह के तकनीकी काम भी किए जा सकेंगे.डेमो वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे स्मार्ट ग्लास नाम के इस चश्मे का इस्तेमाल फोटो खींचने और वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए किया जा सकता है.


इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल ईमेल भेजने और सोशल नेटवर्किंग के लिए भी किया जा सकता है. इसमें मौजूद वॉयस कमांड और रिकॉर्डिंग की सुविधा के ज़रिए इस उपकरण को नियंत्रित किया जा सकेगा.इस यंत्र में स्काइप वीडियो चैट के अलावा मौसम की जानकारी और नक्शों के ज़रिए रास्ता बताने की सुविधा भी होगी.

ये सारी जानकारी एक साफ-सुथरे और पारदर्शी चौकोर से बने बॉक्स में 'हेडगियर' के दाहिने हिस्से के उपरी भाग में दिखाई देगा.'वियरेबल टेक्नोलॉजी''स्मार्ट ग्लास' और इसकी तकनीक का पहली झलक पिछले साल एक कार्यक्रम के दौरान दिखाई गई थी. तब इसे छूकर देखने और परखने के लिए आम लोगों को 1500 डॉलर रुपए चुकाने थे.अब इसे आम लोगों के बीच आज़मा कर कंपनी यह जानना चाहती है कि माथे पर पहने जाने वाले इस औज़ार को किन तकनीकों से लैस किया जाए ताकि वो ज्य़ादा से ज़्यादा से लोगों के बीच इस्तेमाल हो सके.क्लिक करें गूगल के मुताबिक, ''हम अपने इस काम में काफी नए हैं और हम ये वादा नहीं कह सकते हैं कि यहां सब कुछ काफी कच्छा होगा, लेकिन हम ये तो कह ही सकते हैं कि हम जो भी करेंगे वो काफी रोमांचक होगा.''तकनीक विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2013 के बाद बाज़ार में 'वियरेबल टेक्नोलॉजी' यानी वो तकनीक जिसे हम पहन सकें, उसके काफी लोकप्रिय होने की संभावना है.साल 2008 में ऐपल कंपनी ने लेज़र से बने माथे पर पहने जाने वाला एक 'डिसप्ले सिस्टम' पेटेंट कराया था, जो उनके मुताबिक आईपॉड से अपनी वीडियो ढूंढ निकालने के अलावा कई अन्य काम कर सकता था.

इससे मिलता जुलता पेटेंट सोनी और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने भी करवाया है, ताकि वे उससे छोटे खिलौने बना सकें और ग्राहकों को खुश कर सकें.

Posted By: Bbc Hindi