Craze of social networking sites is soaring high as these sites are the new Socrates cafe of the modern times. It not only just helps us in staying connected with old and new friends but also gives opportunity for exchange of ideas.


सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ट्रैफिक बढ़ता ही जा रहा है और आज तो ये हाल है कि अगर आप सोशल नेटवर्किंग पर ऐक्टिव नहीं हैं तो ये माना जाता है कि आप अपडेटेड नहीं हैं और बैक्वर्ड हैं.  अच्छा जब बात हो रही है सोशल नेटवर्किंग साइट्स की तो हम इस कैटेगरी में आई न्यू कमर और सबसे कम समय में सबसे ज्यादा पोपुलर हो जाने वाली साइट गूगल+ को कैसे भूल सकते है. गूगल की नई सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट गूगल+ सबसे जल्दी 2.5 करोड़ लोगों को साइट से जोड़ने वाली बन गई है.


वेबसाइटों का ट्रैफिक ट्रैक करने वाली कंपनी कॉमस्कोर के अनुसार जून के लास्ट वीक में लॉन्च की गई गूगल+ पर 24 जुलाई तक ढाई करोड़ लोग जुड़ चुके थे. इसकी कमपैरिज़न में सोशल नेटवर्किंग की दुनिया पर हावी सबसे बड़ी साइट फेसबुक को इतने लोगों से संबंध जोड़ने में क़रीब तीन साल लग गए थे जबकि ट्विटर को यह आंकड़ा छूने में क़रीब 30 महीने लग गए.एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कॉमस्कोर के वाइस प्रैसिडेन्ट एंड्रयू लिप्स्मैन ने कहा है कि चुनौती ज़्यादा आंकड़ों को जल्दी छूने भर की नहीं है.

एक और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट माय स्पेस ने 2.5 करोड़ यूनीक यूज़र्स पाने में दो साल से कुछ ही कम समय लिया था. आंकड़ों के हिसाब से इसका प्रदर्शन ट्विटर और फेसबुक दोनों से बेहतर था.लेकिन साल ही भर में इसने बहुत सारे लोगों को खो दिया और फेसबुक और क़रीब 75 करोड़ ऐकाउन्ट्स के साथ फेसबुक की सोशल नेटवर्किंग की दुनिया का लीडर बना रहा. गूगल + पर आने वाले लोगों में सबसे ज़्यादा 60 लाख यूनीक यूज़र्स अमरीका से थे वहीं भारत से गूगल + से जुड़ने वाले यूनीक यूज़र्स की तादाद क़रीब 36 लाख रही.कनाडा और ब्रिटेन दोनों जगहों से क़रीब दस-दस लाख लोगों ने गूगल + पर अपना अकाउनट खोला. वहीं जर्मनी से 9 .20 लाख लोग और ब्राजील से 7.8 लोग गूगल + से जुड़े.

Posted By: Surabhi Yadav